रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 दिसंबर। छत्तीसगढ़ पुलिस एस आई भर्ती प्रक्रिया 2018 से लंबित है। भर्ती में किसी प्रकार की त्रुटि या रुकावट ना होने के बावजूद सरकार इस भर्ती को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।2021-22 में निकली पीएससी और व्यापमं की भर्तियां जैसे एसीएफ, राज्य सेवा परीक्षा, महिला पर्यवेक्षक, पटवारी, खाद्य निरीक्षक आदि या तो पूरी कर ली गई हैं या अंतिम परिणाम जारी करना बाकी है पर 2018 से लंबित एस आई भर्ती में केवल प्रथम चरण पूरा हुआ हैं जिसमें लगभग 70,000 प्रतिभागी चयनित हुए हैं। अभी 4 चरण और बाकी हैं। अभ्यर्थी इन 4 सालों में कई बार धरना प्रदर्शन और ज्ञापन दे चुके हैं पर सरकार का रवैया लेट लतीफी वाला रहा है।
ये चयनित प्रतिभागी पिछले 5 महीनों से प्रारंभिक परीक्षा के इंतेजार में हैं। 06 नवंबर को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा व्यापमं द्वारा अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दि गई और अभी तक नई तारीख नहीं बताई गई है। इसको लेकर परीक्षा के दिन ही अभ्यर्थियों ने बूढ़ातालाब धरना स्थल पर काला दिवस मनाया था और जल्द नई तिथि जारी कराने हेतु सरकार को ज्ञापन भी सौंपा था। एक महीने से ज्यादा बीत जाने से बाद भी नई तिथि जारी नहीं हुई है। अभ्यर्थियों से मुलाकात में व्यापमं के अफसर शासन से नई परीक्षा तिथि जारी करने के लिए आदेश ना मिलना बताते हैं।
राज्य में कोई आरक्षण रोस्टर ना होने के बीच पीएससी द्वारा सिविल जज और राज्य सेवा आयोग की परीक्षा तिथि जारी कर दी गई है। हमारी मांग पीएससी की तरह एस आई भर्ती प्रारंभिक परीक्षा का शेड्यूल भी दिसंबर में जारी किया जाए और साथ में मुख्य परीक्षा का सिलेबस भी जारी किया जाए। प्रारंभिक परीक्षा संपादित कराने में आरक्षण रोस्टर की कोई जरूरत नहीं है अपितु परिणाम जारी करने में है इसलिए प्रारंभिक परीक्षा बिना रुकावट और देरी के कराई जा सकती है।
सरकार की लेट लतीफी से अभ्यर्थियों का जीवन 4 सालों से अधर में लटका हुआ है। कई अभ्यर्थी निजी छेत्र की नौकरी छोडक़र तैयारी कर रहे थे , कई इस भर्ती के इंतेजार में बेरोजगार हैं और कइयों की परीक्षा के इंतेजार में शादी और बच्चे भी हो गए हैं। इसी प्रकार कई योग्य व्यक्ति सरकारी लेट लतीफी के कारण अयोग्य हो गए हैं। शरारिक स्फूर्ति भी अब पहले जैसे नहीं रही जिसके कारण शारारिक दक्षता परीक्षा में कई अभ्यर्थी पिछड़ रहे हैं।


