रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 दिसंबर। अब लगभग यह तय हो चुका है कि एनपीएस के तहत राज्य के कर्मचारी अधिकारियों के 17240 करोड़ रुपए सरकार को नहीं मिलेंगे। यह राशि जैसे जैसे अधिकारी, कर्मचारी रिटायर होंगे उन्हें ही दी जाएगी।
अब तक तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार की मांग खारिज करती रही है लेकिन अब इस फंड को संचालित करने वाली अथारिटी पीएफआरडीए ने ही नामंजूर कर दिया है।
इससे छत्तीसगढ़ समेत ओपीएस लागू करने वाले राजस्थान, पंजाब के अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह से उलझ गए हैं। अप्रैल से छत्तीसगढ़ ने ओपीएस के तहत पृथक पेंशन एकाउंट खोलकर राशि की कटौती बंद कर दी है और एनपीएस के तहत एन एस डी एल मुंबई में अंशदान भेजना बंद कर दिया है।
इस संबंध में केंद्र को अनुरोध पत्र भेजा गया था, लेकिन पीएफआरडीए ने साफ कह दिया है कि नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत जमा होने वाली राशि का भुगतान सिर्फ उस व्यक्ति को ही किया जा सकता है जो एनपीएस में पैसा जमा कर रहा है। राज्य सरकार या केंद्र सरकार उस राशि पर कोई दावा नहीं कर सकती है और ना ही एनपीएस में जमा पैसा किसी भी सरकार को रिफंड किया जा सकता है। एनपीएस फंड में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है।
अब आगे क्या
पीएफआरडीए के इस जवाब के बाद यह तय है कि राशि राज्य को नहीं मिलेगी। यानी जैसे जैसे अधिकारी कर्मचारी रिटायर होंगे उनके पेंशन प्रकरण भेजने पर व्यक्तिगत खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी। वैसे बता दें कि 2004 या उसके बाद नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी 2028 से रिटायर होने लगेंगे। आदर्श स्थिति में इनके द्वारा पेंशन आवेदन पर एन एस डी एल भुगतान करेगा। लेकिन ऐसा होगा नहीं।
सब कुछ उस वक्त की सरकारों पर निर्भर होगा
सूत्रों ने बताया कि आदर्श स्थिति 2028-29 के दौरान सत्तारूढ़ केंद्र, राज्य सरकारों के संबंधों पर निर्भर होगा। अलग अलग दलों की सरकारें हुई तो वर्तमान स्थिति बनी रहेगी। देश के 30 राज्यों के खरबों रुपए केंद्र में जमा है कोई भी सरकार इस फंड को यूं ही नहीं रिलीज करने वाली। इसी रकम से सरकारी निवेश हो रहें हैं।
कर्मचारी रिटायर होने के बाद अपनी रकम लेने तरसेंगे
इस समस्या से हर कर्मचारी, अधिकारी जो 2004 के बाद नियुक्त हुआ है वह दो- चार होगा। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद से कर्मचारियों को नुक़सान हो रहा है। राज्य ने एनपीएस बंद कर ओपीएस लागू करते हुए कटौती बंद कर अपना और कर्मचारी दोनों का अंशदान जमा करना शुरू कर दिया है। 2028 में रिटायरमेंट के समय पेंशन आवेदन पर राज्य सरकार कहेगी अभी आधा पेंशन लो , पूरा पेंशन एन एस डी एल से रकम मिलने पर देंगे। और एन एस डी एल से कर्मचारी की मांग पर कहेगा कि अप्रैल- 22 से राज्य का अंशदान नहीं आया है राशि नहीं दी जा सकती है? और एन एस डी एल भी 40 फीसदी कर्मचारी अंशदान पर ही पेंशन देगा।
राज्य के अंशदान और ब्याज का नुकसान हो रहा
इधर कर्मचारियों का कहना है कि अप्रैल से उन्हें दो तरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहला यह कि एनपीएस के ही तहत राज्यांश और ब्याज का। एनपीएस में 10त्नअमले का 14त्न राज्यांश और उस पर ब्याज नहीं मिल रहा क्योंकि सरकार ने ओपीएस लागू कर दिया है। एनपीएस के खाते बंद कर दिए गए हैं। राज्य अपना 14त्न का अंशदान खर्च कर ले रही कर्मचारियों की कटौती बंद होने से जमा और ब्याज का नुक़सान।2028,30 में जो भी सरकारें रहेंगी वो यह कहकर पल्ला झाड़ लेंगी कि राज्य ने अपना हिस्सा जमा नहीं किया है,और केंद्र ने राशि नहीं लौटाया है , पेंशन भुगतान रोक या 40त्न ही पेंशन देगी।


