रायपुर

स्टेडियम नहीं तो राज्योत्सव स्थल पर अधिवेशन, सीएम बघेल ने नवा रायपुर में आयोजन स्थल देखे
17-Dec-2022 6:15 PM
स्टेडियम नहीं तो राज्योत्सव स्थल पर अधिवेशन, सीएम बघेल ने नवा रायपुर में आयोजन स्थल देखे

अंतिम फैसला 19 को खडग़े करेंगे, सीएम और मरकाम को दिल्ली बुलावा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 17 दिसंबर। सीएम भूपेश बघेल शनिवार को दोपहर नया रायपुर पहुंचे जहां उन्होंने एआईसीसी के अधिवेशन (प्लेनरी सेशन) आयोजन के लिए स्थल निरीक्षण किया। इसी दौरान उन्होंने 21 जनवरी को भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर वीर नारायण सिंह स्टेडियम में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। समझा जा रहा है कि   चूंकि कांग्रेस का अधिवेशन फरवरी में होना है। इसलिए  क्रिकेट मैच के बाद स्टेडियम में यह अधिवेशन हो सकता है। इसमें आने वासोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहु ल गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े जैसे 2 सौ वीआईपी के लिए स्टेडिमय के समीप एक रिर्जाट में रहने की व्यवस्था की जा सकती है। हालांकि अभी अधिवेशन का स्थल तय  नहीं किया गया है। एआईसीसी की स्टीयरिंग कमेटी की 4 दिसम्बर को हुई बैठक में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन रायपुर में कराने का निर्णय लिया गया था।

सीएम बघेल ने क्षेत्रीय विधायक धनेन्द्र साहू के साथ नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल का निरीक्षण किया। समझा जा रहा है अधिवेशन के लिए स्टेडियम की मनाही होती है, तो राज्योत्सव स्थल में अधिवेशन होगा।

कांग्रेस संगठन की सबसे बड़ी बैठक पृथक छत्तीसगढ़ में पहली बार होने जा रही है। बैठक स्थल और डेट,संसद और विस के बजट सत्र की तिथियों को देख कर तय किया जाएगा। यही वजह है कि सीएम बघेल ने विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी के प्रथम सप्ताह में निपटा लेने का फैसला किया है। ताकि तैयारियों में जुटा जा सके।

इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत सभी दिग्गज नेता शामिल होंगे। दो, से तीन दिन वे सभी रायपुर में ही रहेंगे। इस बैठक में अगले साल होने वाले छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के चुनाव पर चर्चा और रणनीति बनाई जाएगी।  प्रदेश कांग्रेस के नेता, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार से लेकर दिग्गजों का साथ अपने ही प्रदेश में मिलेगा।

देश के दूसरे बड़े दल कांग्रेस का भी अभा अधिवेशन छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है।  इससे पहले 2002-03 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो चुकी थी। उसके बाद भाजपा यहां 15 वर्षों तक सत्ता में रही। कांग्रेस की यह बैठक तीन दिन की हो सकती है। इस दौरान चर्चाओं के छह से आठ सत्र होंगे। दोनों ही शाम,रात छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य,गायन के कार्यक्रम भी रखें जा सकतें हैं।


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