रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 नवम्बर। सीएम भूपेश बघेल ने आज शाम राज्यभर से पहुंचे आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर आदिवासियों की मांग पर आवश्यक पहल करते हुए समस्त शासकीय विभागों में रोस्टर के नियमित रूप से पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ के गठन की घोषणा की। साथ ही सहकारिता विभाग में हर समुदाय के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने भी आश्वस्त किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी अवगत कराया कि राज्य में आदिवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके 32 प्रतिशत आरक्षण के मामले में जो भी आवश्यक कदम होगा, वह उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक हुआ तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे और अध्यादेश भी लाएंगे। इस अवसर पर गोंड़ समाज, उरांव, भुईंया, कंवर, मुण्डा, पंडो, मंझवार, नगेसिया, नागवंशी आदि विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री सुनऊराम नेताम, रामसाय, भानुप्रताप सिंह मरकाम, रघुनाथ, तुलसीराम, चतुर सिंह तारम, सुश्री तारा मंडावी, श्रीमती महावती कोमरे, शेर सिंह आचला, बाल सिंह, निलकंठ सिंह ठाकुर, पन्नालाल धु्रव, शिवप्रसाद, कौशल ठाकुर, पुनीत राम, मनोज भगत, रविन्द्र पैकरा शामिल थे।
टालने के लिए समिति का गठन-रमन
समिति गठन को लेकर सीएम बघेल के ट्वीट पर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा बघेल का यह एक और कमाल है। जिन समस्याओं का हल नहीं ढूंढ पा रहे, तो उसके लिए समिति गठित कर देते हैं। यह टालने की कवायद है। डॉ. सिंह ने कहा पुलिस का आंदोलन चला, तो उसके लिए समिति बना दी। आरक्षण और शराबबंदी के लिए समिति बना दी। सुप्रीम कोर्ट में लडऩा है या समिति गठन तय कर लें।