रायपुर

विरोधियों के मनसूबे पर पानी फिरा- विजय झा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आवाहन पर 26 जून 29 जून तक जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन के दौरान कर्मचारी नेता विजय कुमार झा द्वारा दिए गए वक्तव्य को वीडियो में फेरबदल कर तथा फर्जी लेटर पैड पर पत्र लिखकर डेढ़ माह तक विरोधी कर्मचारी नेताओं ने विजय झा को निलंबित कराने, गिरफ्तार कराने, का पूर्ण प्रयास किया था।
सन्नी अग्रवाल को गलत जानकारी देकर, फर्जी लेटर पैड में पत्राचार कर सिविल लाइन थाने में एफ आई आर दर्ज कराया गया था। जिसके विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय ने विविध याचिका क्रमांक 1276/ 2022 में पारित आदेश 29/9/ 22 द्वारा विजय कुमार झा को अग्रिम जमानत स्वीकृत कर दिया है।
झा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि आंदोलन के दौरान प्रचार एवं कर्मचारी हित में किए जा रहे हैं वक्तव्य को वीडियो में फर्जी तरीके से अनिल शुक्ला द्वारा तोड़ मरोड़ कर मांग रखेंगे के स्थान पर मारेंगे बनाकर निलंबन, गिरफ्तारी व पेंशन रोकने तक का भरसक असफल प्रयास किया गया था। असफलता से परेशान और पीडि़त विरोधी कर्मचारी नेता ने अंतत: छत्तीसगढ़ शासन के श्रम कल्याण मंडल के मंत्री दर्जा प्राप्त शन्नी अग्रवाल को फर्जी लेटर पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के नाम पर पत्र लिखकर श्री झा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने हेतु पत्र लिखा गया। त्रुटि पूर्ण जानकारी और भ्रम की स्थिति में शन्नी अग्रवाल द्वारा सिविल लाइन थाना रायपुर में एफ आई आर दर्ज कराया गया था।
ऐसे ही एक कथित पत्रकार द्वारा टैंपर्ड वीडियो जारी करने पर विजय झा ने सिविल लाइन थाने में शिकायत, वीडियो को सील बंद कर जमा कर एफआईआर कराने का अनुरोध किया था। जिसे पुलिस अहस्तक्षेप योग्य अपराध करार दिया गया और उससे मिलते जुलते इस अपराध में विजय झा के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। जो दोहरी नीति का जो परिचायक है। जिसके विरुद्ध जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी।
संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष आर चंद्रा, महामंत्री उमेश मुदलियार, संरक्षक अजय तिवारी, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, जिला शाखा अध्यक्ष रामचंद्र ताण्डी, स्वास्थ्य संयोजक संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता, प्रांतीय कोषाध्यक्ष आलोक जाधव, सुनील जारौलिया, प्रवक्ता विजय कुमार डागा, प्रांतीय सचिव नरेश वाढेर, प्रदीप उपाध्याय, शेखर सिंह ठाकुर, डॉ अरुंधति परिहार, काजल चौहान, पितांबर पटेल, आदि नेताओ माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अग्रिम जमानत को कर्मचारी हित में विजय कुमार झा द्वारा किए गए संघर्ष का परिणाम निरूपित किया है।
पिता जिंदा बेटे को अनुकंपा नियुक्ति, कार्रवाई की मांग
साथ ही फर्जी वीडियो बनाकर वायरल करने वाले अनिल शुक्ला के विरुद्ध प्रस्तुत शिकायत पर शीघ्र कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही सरकार को दिग्भ्रमित कर अपने पुत्र को नियम विपरीत अनुकंपा नियुक्ति लगाने वाले पर विधिसम्मत कार्रवाई करने कहा है।