रायपुर

भाजपा नेताओं ने काले कपड़े पहन कर विरोध जताया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अक्टूबर। भाजपा ने भूपेश सरकार द्वारा के. पी. खांडे को राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा है कि इसके पीछे भूपेश बघेल की मिलीभगत और षड्यंत्र से आदिवासियों को छलने और जातियों को आपस में लड़ाने का गंदा खेल खेला जा रहा है। इसका विरोध करते हुए भाजपा नेताओ ने काले कपड़े पहन कर पत्रकार वार्ता की।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, महामंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी व विकास मरकाम ने कहा विगत दिनों आदिवासियों का 32त्न आरक्षण भूपेश सरकार की च्च्ऐच्छिक नाकामीज्ज् के परिणाम स्वरूप उच्च न्यायालय से अपास्त घोषित हुआ। यह सभी जानते है कि 32त्न आरक्षण को निरस्त घोषित करने के पक्ष में, पैरोकारी करने वाले एक मुख्य पक्षकार केपी खांडे हैं। 32त्न आरक्षण को निरस्त घोषित कराने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसका इनाम देते हुए भूपेश सरकार ने उन्हें राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। यह आदिवासियों के गाल पर करारा तमाचा नहीं तो और क्या है? ये भूपेश सरकार की दोहरी नीति उदाहरण और प्रमाण नही तो क्या है? प्रदेश में अजजा और अजा को लड़ाकर अंग्रेजो वाली तरकीबें अपनाना बंद कीजिए भूपेश जी। च्च्फूट डालो राज करोज्ज् की आपकी नीति उजागर हो चुकी है। भाजपा नेताओं ने कहा सीएम बघेल एक तरफ आदिवासी हितैषी और पक्षधर होने का ढोंग करते हो, दूसरी तरफ आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार छीनने के लिए जिम्मेदार लोगों को पुरस्कृत करते है। आदिवासी समाज को ठगते हुए, झांसा दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भूपेश बघेल सरकार ने ओबीसी समाज को 27त्न आरक्षण देने का ड्रामा किया। बाद में अपने ही करीबी कुणाल शुक्ला को हाईकोर्ट में खड़ा करके उस पर स्टे लगवा दिया, और फिर बाद में कुणाल शुक्ला को कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष नियुक्त कर ओबीसी समाज के गाल पर करारा तमाचा मारा था।
भाजपा नेताओं ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहते है भूपेश जी छत्तीसगढ़ की एक जाति को दूसरे जाति से लड़ाने का यह गंदा खेल खेलना बंद कीजिए। श्री के पी खांडे को पुरुष्कार स्वरूप राज्य अनुसूचित जाति आयोग के रूप नियुक्त करना यह प्रमाणित करता है कि आदिवासियों का 32फीसदी आरक्षण छीनकर आदिवासी हितों को चोट पहुंचाने में आपकी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। अब आपकी पोल खुल चुकी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी आदिवासियों से नफरत करती हैं और मोहरा बनाकर लोगों का इस्तेमाल करके आदिवासियों को, उनकी संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं ।
आदिवासियों से माफी मांगे केदार — लखमा
उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने प्रदेश में आदिवासियों की हालात पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग 15 साल तक कहां सोए थे, बस्तर में धान खरीदी केंद्र नहीं खोल पाए? भूपेश सरकार के राज में आदिवासियों का उत्थान हो रहा, स्कूल खोले जा रहे, तेंदूपत्ता के दाम में भी इजाफा किया गया। केदार कश्यप आदिवासी नेता हैं, लेकिन उन्हें आदिवासियों के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। उनकी सरकार के समय में स्कूल बंद किए गए, 700 गांव खाली किए गए।उन्हें आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए। वहीं आरक्षण को लेकर लखमा ने कहा कि सरकार के मंत्री-विधायक (आरक्षण की स्थिति जानने) अन्य राज्यों का दौरा करेंगे। विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल और देश की राष्ट्रपति भी आदिवासी हैं।
इसलिए उम्मीद है कि आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. आदिवासियों को हमारी पार्टी 32 प्रतिशत आरक्षण दिलवा कर रहेगी।