रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अक्टूबर। चौक - चौराहों में भिक्षावृत्ति करने वाले 40 से अधिक लोगों को ‘आश्रय स्थल’ भेजा।
लम्बे समय से दीगर राज्य व छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से राजधानी के मुख्य मार्गों, चौक-चौराहों, गार्डन, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, सार्वजनिक स्थलों एवं खासकर यातायात सिग्नल के पास वाहनों के रूकने के दौरान छोटे-छोटे बच्चों, महिला एवं वृद्ध भीख मांगते हुए देखे जा रहे थे। इससे उनके एवं अन्य राहगीरों के साथ किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना होने की प्रबल संभावना बनी हुई थी।
इसी आशंका को देखते हुए एस एस पी प्रशांत अग्रवाल ने सभी थानेदारों को पण्डरी, मोवा स्थित भिक्षुक आश्रय स्थल में दाखिल कराने निर्देशित किया था।। इस पर बुध-गुरूवार को विशेष अभियान चलाते हुए 40 भिक्षुओं को पकड़ कर पंडरी, मोवा स्थित आश्रय स्थल भेजा। ये लोग गरियाबंद, बलौदाबाजार, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, बेमेतरा, राजिम, शिवरीनारायण आदि जगहों के मूल निवासी हैं। पुलिस ने आश्रय स्थल में उनके आश्रय व देखभाल की उचित व्यवस्था भी की। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों द्वारा भीख मांगने वाले छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता व परिजनों की पहचान कर बच्चों से भिक्षावृत्ति नहीं कराने समझाइश दी गई। तथा चौक-चौराहों खासकर यातायात सिग्नल्स में वाहनों के रूकने पर चलता फिरता सामान बेचने वालों को बीच सडक़ पर सामान न बेचकर निर्धारित स्थान पर ही सामान बेचने की हिदायत दी गई। ताकि उनके साथ किसी प्रकार दुर्घटना घटित न हो तथा राहगीरों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।