रायपुर

रायपुर, 26 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के दावे कि रायपुर में वायु प्रदूषण कम हो रहा है, के बावजूद इस दीवाली में रायपुर वासियों को भरपूर प्रदूषण युक्त हवा की सांस लेने को मजबूर होना पड़ा।
समिति के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने विस्तार से बताया कि क्यों खतरनाक है वायु प्रदूषण? वायु में सूक्ष्म कण जिन्हें पार्टिकुलेट मैटर कहा जाता है के पीएम 2.5 का वर्ष भर का अधिकतम औसत 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए, परंतु किसी भी दिन 24 घंटो में अधिकतम 60 से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार पीएम 10 का वर्ष भर का अधिकतम औसत 60 होना चाहिए परंतु किसी भी दिन 24 घंटो में अधिकतम 100 से अधिक नहीं होना चाहिए। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा किसी भी 24 घंटे में 15 से अधिक नहीं होना चाहिए।
समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया की पीएम 2.5 वह छोटा कण होता है जो कि मानव के बाल के व्यास से 30 गुना छोटा होता है। यह सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, सांस की बीमारी, एलरजी बढ़ रही है। वायु प्रदूषण विशेष रुप से पीएम 2.5 और पीएम 10 का असर मानव के स्वास्थ्य पर बढ़ रहा है। विशेष रुप से इससे अचानक ह्रदय घात और ह्रदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक होता है, भ्रूण के विकास में इसका असर पड़ता है, प्रीमेच्योर डिलीवरी बढने का एक कारण यह भी है इसके कारण विश्व भर में 70 लाख मौत समय पूर्व हो जाती है जिसमे से 16 लाख भारत में ही होती है।
पीएम 2.5 की स्थिति शासन की संस्था स्टेट हेल्थ रिसर्च सेंटर रायपुर के ऑनलाइन रियल टाइम आंकड़ों के अनुसार दिवाली के दिन रात को यह अधिकतम आंबेडकर आवास गुडियारी में 362 था, सरोना उरला में 208 वीरगांव में 160 और टाटीबंध में 203 था।शंकर नगर में दिवाली के पहले 23 अक्टूबर को पीएम 2.5, अधिकतम 126 था। दिवाली की रात 8:45 पर 222 था तथा रात को 11 बजे 346 हो गया। देवेंद्र नगर चौक (अधिकारी कॉलोनी के पास) पर रात 9 बजे यह 156 था तथा कलेक्टर चौक पर 208 था।