रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 अक्टूबर । छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने दिवाली के दिन केले के पत्ते और तने बेचने के लिए रायपुर शहर कि प्रत्येक सडक़ पर यत्र तत्र सैकड़ों स्थानों पर केले के पत्तों और तने का ढेर लगाया जाता है। बिक्री होने उपरांत शाम को इनका बचा-कुचा कचरा विक्रेता सडक़ पर ही छोड़ कर चले जाते हैं।
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के प्रमुख डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि दिवाली के बाद छुट्टियां खत्म होने उपरांत कई दिनों तक नगर निगम के प्रत्येक जोन द्वारा अपने सभी डंपर, जेसीबी और पूरी ताकत लगाकर इन बचे हुए पत्तों इत्यादि को उठाया जाता है, इसके कारण से अन्य सफाई कार्य भी बाधित होते हैं। इस बीच इन के सडऩे से मच्छर पैदा होने की दर भी बढ़ जाती है, जिससे बीमारियां बढ़ती है। बीच सडक़ों पर इन्हें लगाने से दिवाली के दिन यातायात भी बाधित होता रहता है। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने नगर निगम आयुक्त से अपील की है कि वे केले के पत्तों के विक्रेताओं के लिए प्रत्येक जोन में उचित स्थान निर्धारित करें। सडक़ों पर यत्र-तत्र इन्हें नहीं बिकने दिया जाये तथा दिवाली के दिन प्रात: जल्दी से ही प्रत्येक जोन से मानिटरिंग करवाएं कि ये विक्रेता कहीं पर केले के पत्तों का ढेर नहीं लगाए, इससे इनकी सफाई में सुविधा होगी तथा अन्य समस्याएं पैदा नहीं होंगी। समिति के सदस्यों में विश्वजीत मित्रा, हरजीत जुनेजा, अधिवक्ता ब्यास मुनि देवेदी, मनजीत कौर बल, डॉ विकास अग्रवाल, डॉ.नवेंदु पाठक, डॉ दिग्विजय सिंह, उमा प्रकाश ओझा, रियाज अंबर, अजय खंडेलवाल, संदीप कुमार, विनय शील, जीवेश चौबे, शरद शुक्ला, नोमान अकरम हमीद, हेमंत बैद, अमिताब दीक्षित हैं।