रायपुर

आदिवासी आरक्षण के लिए शीतकालीन सत्र नवम्बर में ही बुला सकती है सरकार
14-Oct-2022 4:33 PM
आदिवासी आरक्षण के लिए शीतकालीन सत्र नवम्बर में ही बुला सकती है सरकार

कैबिनेट की बैठक में फैसला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 अक्टूबर।
आदिवासी आरक्षण के लिए सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवम्बर के आखिरी में बुला सकती है। इस पर फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। बैठक में गन्ने के दाम तय करने पर भी मंथन होगा।
विधानसभा का सत्र पहले दिसंबर के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित थी, लेकिन सरकार के भीतर अब सत्र पहले बुलाने पर विचार हो रहा है। ताकि आदिवासी आरक्षण 32 फीसदी रखने के लिए शासकीय संकल्प पारित किया जाए। हाईकोर्ट के 50 फीसदी से अधिक आरक्षण असंवैधानिक करार देने के आदेश के बाद आरक्षण बढ़ाने के विकल्पों पर चर्चा चल रही है।

सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रही है, लेकिन शासकीय संकल्प भी लाने का फैसला लिया जा रहा है। इसके लिए विशेष सत्र बुलाने पर भी विचार हो रहा है। चूंकि विशेष सत्र दीवाली के बाद हो सकता है, इसलिए यह भी राय बन रही है कि शीतकालीन सत्र को ही पहले बुला लिया जाए। इस पर कैबिनेट की बैठक में विस्तार से चर्चा होगी।

सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में धान खरीदी पर विस्तार से चर्चा है। इस बार की धान खरीदी बेहतर ढंग से होने की उम्मीद जताई जा रही है, और लक्ष्य भी एक करोड़ टन से अधिक रखा गया है। बारदाना संकट काफी हद तक दूर कर लिया गया है। पीडीएस, राइस मिलरों, और प्राथमिक सहकारी समितियों के पुराने बारदाने ले लिए गए हैं। यही नहीं, केन्द्र सरकार भी बारदाने उपलब्ध करा रही है। कुल मिलाकर इस बार बारदाने का संकट नहीं रहेगा।

बताया गया कि गन्ने के समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर भी काफी विस्तार से चर्चा होगी। प्रदेश में साढ़े तीन सौ रूपए प्रति क्विंटल दाम दिए जा रहे हैं, जबकि बाकी राज्यों में सवा तीन सौ से अधिक राशि नहीं मिल पाती है। कुल मिलाकर प्रदेश में गन्ना खरीदी की दर देश में सर्वाधिक है। इस पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।


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