रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 अक्टूबर । राज्य होमियोपैथी परिषद् ने पंजीकृत होम्योपैथी चिकित्सकों के पंजीयन का नवीनीकरण एक नवंबर से शुरू हो रहा है। 1 जनवरी - 17 से पूर्व के डाक्टरों को कराना होगा।
छत्तीसगढ़ के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला ने बताया किराष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम 2020 तथा छत्तीसगढ़ होमियोपैथी अधिनियम की धारा 21 (2) के परिप्रेक्ष्य में राज्य में पंजीकृत समस्त होम्योपैथिक चिकित्सकों को प्रत्येक पाँच वर्षों में अपने पंजीयन प्रमाण पत्र का नवीनीकरण करवाना होगा। परिषद की 14 सितंबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि उक्त अधिनियमों के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी 2017 के पूर्व पंजीकृत होम्योपैथिक चिकित्सकों को अपने पंजीयन का पुनरीक्षण करवाना होगा 7 रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सकों के पंजीयन प्रमाण पत्रों के पुनरीक्षण व नवीनीकरण की प्रक्रिया देश के अनेक राज्यों में पहले से ही है लेकिन राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के गठन के बाद अब यह प्रत्येक राज्य के पंजीकृत चिकित्सकों के लिए अनिवार्य किया गया है ।
उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण की प्रक्रिया आगामी 01 नवंबर से प्रारंभ की जायेगी जिसकी समस्त जानकारी परिषद् के वेबसाईट 222.ह्यष्द्धद्गद्द.द्बठ्ठ में उपलब्ध होगी। पंजीयन पुनरीक्षण के बगैर चिकित्सा व्यवसाय किया जाना अधिनियमों के विपरीत होगा जिसके लिए संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध परिषद के नियमों के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।