रायगढ़

अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ कांग्रेस नेता ने मोर्चा खोला
07-Feb-2021 5:41 PM
 अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ कांग्रेस नेता ने मोर्चा खोला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 फरवरी।
रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में सरकारी जमीनों को 152 प्रतिशत में नीलामी की प्रक्रिया के साथ-साथ गरीबों की दुकानों को बेजा कब्जा बताकर हटाए जाने के मामले में नगर निगम के पूर्व सभापति वर्तमान में मेयर इन कौंसिल के सदस्य सलीम नियारिया ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि इस प्रकार की कार्रवाई से गरीब जनता के बीच कांग्रेस के प्रति आक्रोष बढ़ते जा रहा है और ऐसे मामलों में स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा खेल मंत्री उमेश पटेल के साथ-साथ रायगढ़ विधायक ने भी प्रशासन को गरीबों के साथ न्याय करने की पहल पर जोर दिया है। 

उन्होंने अब ऐसे मामलों में कार्रवाई करने पर स्वयं बुलडोजर के सामने खड़े होकर गरीबों की दुकानों को बचाने के लिए आगे रहने के साथ-साथ कांग्रेस की सरकार में ही ऐसे दमन होने के फैसले पर इस्तीफे तक की धमकी दी है। यह बात उन्होंने कल ही एक निजी चैनल में कही थी जिसको लेकर कांग्रेस में भी हडक़ंप मचा हुआ है।  

सलीम नियारिया ने अपना रोष अशर्फी देवी महिला चिकित्सालय के सामने बनी दुकानों को तोडऩे के आदेश पर जताया है। उनका कहना है कि यह जमीन यहां के तालाब की पचरी की जमीन है और सालों से यहां गरीब दुकानदार दुकान के माध्यम से अपनी आजीविका चला रहे हैं और यहां अगर बुलडोजर चलाया जाता है तो वे बुलडोजर के सामने खड़े होकर इसका विरोध करेंगे भले ही उन्हें पार्टी से इस्तीफा क्यों न देना पड़े चूंकि ऐसे मामलों में वे जनता के साथ हैं न कि पार्टी के साथ। इससे पहले भाजपा के जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने भी निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। उन्होंने शहर में बेजा कब्जा तोडऩे के अभियान में केवल गरीबों को ही टारगेट बनाने का आरोप निगम आयुक्त पर लगाया था। 

पूर्व सभापति व मेयर इन कौंसिल के सदस्य सलीम नियारिया ने कहा है कि निगम के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था के लिए वे हमेशा  साथ खड़े हैं लेकिन जहां गरीबों के आशियानों के साथ-साथ उनकी आजीविका के उपर बुलडोजर चलेंगे तो वे उनके साथ खड़े हैं। सलीम नियारिया का यह भी कहना है कि निगम में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को विश्वास में रखकर तोडफोड की कार्रवाई होनी चाहिए न कि अपने मन से अधिकारी कहीं भी बुलडोजर लेकर पहुंचकर आशियानें व दुकानें ढहाने लग जाएं, उनका वो पुरजोर विरोध कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। 

उनका मानना है कि सालों से वे कांग्रेस में रहकर गरीबों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके मतों से विजयी हो रहे हैं और उनके ही उपर उनके सरकार के रहते अन्याय हो ऐसा वे सहन नही करेंगे। 
 


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