रायगढ़

नपं घरघोड़ा का टेंडर हाईकोर्ट ने किया निरस्त
16-Nov-2025 7:57 PM
नपं घरघोड़ा का  टेंडर हाईकोर्ट  ने किया निरस्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 16 नवंबर। नगर पंचायत घरघोड़ा में अधोसंरचना टेंडर के लिए निकाले गए निविदा पर गैर वाजिब कार्यों को लेकर आवेदक ठेकेदार ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें पहले तो कोर्ट ने स्थगन आदेश दी जबकि दूसरी सुनवाई में चीफ जस्टिस की युगल बैंच ने टेंडर को ही निरस्त कर दिया।

दरअसल नगर पंचायत घरघोड़ा में  7 अक्टूबर को निविदा आमंत्रण की सूचना जारी की गई थी, जिस पर निविदा भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक थी। जिनमें से कुछ कार्य पूर्व से ही याचिकाकर्ता संतोष अग्रवाल को आबंटित किया गया था। जिनमें से अधिकांश कार्य उनके द्वारा पूर्ण कर लिए गए थे किंतु उस संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पंचायत घरघोड़ा द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा था। उसके बाद मनमाने तरीके से याचिकाकर्ता संतोष अग्रवाल को पूर्व से आबंटित कार्यों के संबंध में द्वितीय निविदा की सूचना जारी कर दी गई। जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता संतोष अग्रवाल द्वारा अपने अधिवक्ता आशुतोष मिश्रा के माध्यम से  उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के समस्त याचिका प्रस्तुत किया गया।

जिस पर मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ आगामी आदेश सुनवाई तक रोक लगाए हैं।

वहीं, नगर पंचायत अधिकारी घरघोड़ा को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया। प्रकरण में जवाब प्रस्तुत करने के बाद 13 नवंबर को सुनवाई की गई जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा प्रकरण के विभिन्न तथ्यों पर अपने तर्क प्रस्तुत किए एवं नगर पंचायत घरघोड़ा की  कार्यप्रणाली पर  न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया। उच्च न्यायालय की युगलपीठ  मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश बी डी गुरु ने सुनवाई करते हुए नगर पंचायत अधिकारी के कृत्य को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत पाते हुए जारी टेंडर को निरस्त कर, नगर पंचायत को विधि अनुरूप प्रक्रिया करने हेतु निर्देशित किया एवं याचिकाकर्ता को बड़ी राहत प्रदान की हैं।


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