रायगढ़

इस बार एनएचएम कर्मियों की दिवाली रही फीकी
25-Oct-2025 9:42 PM
इस बार एनएचएम कर्मियों  की दिवाली रही फीकी

सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 25 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में 16 हजार से अधिक एनएचएम कर्मियों की दीपावली वेतन-विहीन क्या सरकार भूली अपने स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ को? जब छत्तीसगढ़ राज्य दीयों की जगमग, मिठाइयों की मिठास और नए कपड़ों की खनक के साथ रोशनी का पर्व दीपावली मना रहा था, तब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 16 हजार से अधिक कर्मचारी घोर आर्थिक तंगी, मायूसी और निराशा के अंधेरे में डूबे हुए थे। ये वही स्वास्थ्य योद्धा हैं, जो उपस्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में दिन-रात कोविड-19 जैसी महामारियों और सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करते हैं, किंतु आज अपने परिवारों के लिए एक मु_ी मिठाई या नए कपड़े तक नहीं खरीद पाए, क्योंकि उनका वेतन अब तक अप्राप्त है।

कर्मचारियों ने हाल ही में अपनी 10-सूत्रीय मांगों को लेकर जेल भरो आंदोलन, जल सत्याग्रह और चुनरी यात्रा जैसे कड़े कदम उठाए, जिसके जवाब में उन्हें केवल खोखले आश्वासन ही मिले। स्थिति की विडंबना यह है कि शासन ने स्वयं 16 अक्टूबर को पत्र के माध्यम से सभी विभागों को स्पष्ट रूप से 18 अक्टूबर तक वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश दीपावली की संवेदनशीलता को देखते हुए दिया गया था, किंतु इसकी खुलेआम अवहेलना हुई, और हजारों कर्मचारियों के बैंक खाते आज भी खाली पड़े हैं।

एनएचएम कर्मचारियों को पहले से ही अल्प वेतन में गुजारा करना पड़ता है। दीपावली पर वेतन न मिलने से वे न केवल त्योहार की खुशी से वंचित हुए हैं, बल्कि उन पर तत्काल आर्थिक दबाव बढ़ गया है। लंबित 5 प्रतिशत वेतनवृद्धि 1 जुलाई 2023 से स्वीकृत 5 प्रतिशत वेतनवृद्धि भी बजट की कमी का हवाला देते हुए अधिकांश जिलों में लागू नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों का आक्रोश चरम पर है। हाल की हड़ताल के दौरान प्रशासनिक कारणों से बर्खास्त किए गए 25 कर्मचारियों की बहाली का मामला भी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सार्वजनिक आश्वासनों के बावजूद लंबित है। छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ का मानना है कि एक ओर इन कर्मचारियों से अन्य विभागों के कार्य भी लिए जाते हैं और कड़े टारगेट पूरे करने की अपेक्षा की जाती है, वहीं दूसरी ओर सरकार जानबूझकर इस महत्वपूर्ण विभाग के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने सरकार से तत्काल और कठोर हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि यह मामला अब केवल वित्तीय नहीं, बल्कि मानवीय और नैतिक हो गया है।


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