रायगढ़

आदिवासियों की जमीन पर सहमति के बिना टॉवर लगा रहा जिंदल
24-Oct-2025 9:05 PM
आदिवासियों की जमीन पर सहमति  के बिना टॉवर लगा रहा जिंदल

प्रभावित ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 24 अक्टूबर। जिंदल कंपनी के द्वारा आदिवासियों की सहमति के बगैर उनकी जमीन में घुसकर टॉवर लगाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि टॉवर खंबा लगाने उनकी जमीन में लगे हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर से पूरे मामले की शिकायत करते हुए जिंदल कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की गई है।

कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में जोन तिग्गा, पुष्पा एक्का, जुलिया टोप्पो, अनूप तिग्गा, जेम्स तिग्गा, बालकराम, पूरन राठिया सभी निवासी आमाघाट ने कहा है कि बिना उनकी सहमति के उनके भूमि में घुसकर नीम, आम, महुआ, सराई पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हुए जबरन खड़ा करने के नियत से गड्ढा खोद जा रहा है। पुष्पा एक्का के खसरा नंबर 355-6 की भूमि में कांटा तार के जाली का काटकर फेंक दिया गया और उक्त भूमि में घुस गए और वहां चंदन के पेड़ो को नुकसान पहुंचाया गया उसके भूमि पर टॉवर लाईन खींचने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे पुष्पा एक्का के पेड़ों को काटने की धमकी दी जा रही है। इसी तरह जुलिया टोप्पो के खसरा नंबर 346-1, अनूप तिग्गा के खसरा नंबर 514-1, जेम्स तिग्गा के खसरा नंबर 514-2, बालकराम के खसरा नंबर 512-4 में भी टावर लाइन ले जाने के लिये पेड़ो को काटने का प्रयास किया जा रहा है।

 

ज्ञापन में कहा गया है कि जिंदल कंपनी के प्रशांत गुप्ता, थनेश्वर साहू, सुनील सिंह एवं एस के श्रीवास्तव और फिरतराम लहरे के द्वारा बिना उनके जानकारी के उनकी जमीन में घुसकर जबरन शासन के अनुमति के बगैर ही सर्वे करते रहते हैं, मना करने पर उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। इसी तरह जिंदल कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा आदिवासियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है।

कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीणों ने जिंदल कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 (1) च छ के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।


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