रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 8 अक्टूबर। रविवार को जब अधिकांश लोग छुट्टी का आनंद ले रहे थे, उसी दिन डॉ. पूरन पटेल, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी रायगढ़, ने गौसेवा का ऐसा उदाहरण पेश किया जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। उन्होंने एक ही दिन में दो अलग-अलग स्थानों पर दो गंभीर रूप से घायल गायों की जान बचाकर पशुप्रेम और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल कायम की।
पहला मामला लोचन नगर का था, जहां एक गाय सडक़ दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। एक्सीडेंट के चलते उसके पैर की हड्डी बुरी तरह कुचल गई और हालत इतनी गंभीर थी कि पैर काटना पड़ा। डॉ. पटेल ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गाय की कुचली हुई हड्डी का सर्जिकल ऑपरेशन कर उसे सफलतापूर्वक निकाल दिया, जिससे गाय की जान बचाई जा सकी।
दूसरी ओर, चक्रधर नगर गौशाला में एक गर्भवती गाय की हालत चिंताजनक थी। गर्भ में पल रहे बछड़े का सिर मुड़ जाने के कारण गाय सामान्य रूप से बच्चे को जन्म नहीं दे पा रही थी। समय पर इलाज न मिलने पर गाय की जान भी जा सकती थी। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में डॉ. पटेल ने एम.एस. पटेल, चंदन नामदेव एवं गौशाला के कर्मचारियों के सहयोग से सिजेरियन ऑपरेशन कर मृत बछड़े को बाहर निकाला और गाय की जान बचा ली।
इन दोनों सफल ऑपरेशनों के माध्यम से डॉ. पूरन पटेल ने यह साबित कर दिया कि सच्ची सेवा भावना और समर्पण से कोई भी कठिन कार्य संभव है। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी यह तत्परता और कर्मनिष्ठा न सिर्फ प्रशंसनीय है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायक भी है।
स्थानीय लोगों और गौशाला प्रबंधन ने डॉ. पटेल के कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उन्हें ‘गौसेवा का सच्चा प्रहरी’ कहा।


