रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 अक्टूबर। न्याय की आस में सडक़ किनारे खुले आसमान तले बैठे एक बेघर परिवार की तस्वीर आज पूरे घरघोड़ा क्षेत्र की संवेदनशीलता को झकझोर रही है। वार्ड क्रमांक 07, पंचशील बस स्टैंड निवासी भरत खण्डेल अपने पूरे परिवार के साथ बीते कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। 23 सितम्बर को प्रशासन द्वारा उनके पचास वर्ष पुराने मकान को विवादित परिस्थितियों में तोड़े जाने के बाद से परिवार बेघर है और आज तक उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है।
भरत खण्डेल ने मकान ध्वस्तीकरण के बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) घरघोड़ा और थाना प्रभारी घरघोड़ा को लिखित रूप से अनशन की सूचना दी थी, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेना जरूरी नहीं समझा। भरत खण्डेल का कहना है। हमने हर स्तर पर न्याय की गुहार लगाई। आवेदन भी दिया, अनशन की सूचना भी दी, लेकिन प्रशासन का कोई प्रतिनिधि तक नहीं आया। हमें न तो घर मिला, न ही मुआवजा या अस्थायी राहत। बूढ़े माता-पिता, पत्नी और छोटे बच्चों के साथ बरसात और तूफान के बीच सडक़ पर रहना पड़ रहा है।


