रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 सितंबर। आवारा मवेशियों के कारण दो गांवों में तनाव देखने को मिल रहा है। आवारा मवेशियों से अपनी फसल को बचाने के जद्दोजहद ने ग्राम सोनारदेवरी और उसी पंचायत के आश्रित ग्राम धौराभाठा के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है।
आश्रित गाँव धौराभाठा के ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि शुक्रवार की रात्रि लगभग 10 बजे सोनारदेवरी के 50-60 लोग लाठी-डंडे के साथ दर्जनों अवारा मवेशियों को खदेड़ते हुए धौराभाठा की ओर पहुंचे। इसी दौरान सुरक्षा व्यवस्था के घेरा तोड़े जाने को लेकर धौराभाठा के युवक मोहन खुटे से उनकी कहा-सुनी हुई। विवाद इतना बढ़ा कि भीड़ ने अकेले युवक पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन उसे तत्काल लवन अस्पताल ले गए और पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई। दूसरी ओर सोनारदेवरी के लोग भी अपराध दर्ज कराने पहुँचे।
घटना के बाद दोनों गाँवों में तनाव बढ़ गया। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल मौके पर पहुँचा। साथ ही लवन तहसीलदार पेखन टोंन्ड्रे,लीलाधर कवर, लवन थाना प्रभारी अमित पाटले, जनपद सीईओ पन्नालाल धुर्वे, और ग्राम सचिव भी गाँव पहुँचे।
धौराभाठा के घासीदास चौक में दोनों गाँवों के लोगों को बुलाकर रात्रि 8 बजे तक बैठक चली। अधिकारियों ने लगातार लोगों को समझाने की कोशिश की और शांति बनाए रखने की अपील की। अंतत: प्रशासन के सामने सभी ने आपसी समझौते की सहमति दे दी।
ग्रामीणों के आरोप- मवेशियों पर अमानवीय अत्याचार
इसी बीच प्रशासन के सामने धौराभाठा के ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि सोनारदेवरी के लोग जानवरों के साथ मारपीट और अमानवीय व्यवहार करते हैं, जिससे मवेशियों की मौत तक हो जाती है। ग्रामीणों का दावा है कि एक ही दिन डेढ़ दर्जन से अधिक मवेशी अमानवीय कृत्य का शिकार हुए है जिन्हें रोड किनारे पानी टंकी के पास बने खाली ज़मीन पर गड्ढा खोदकर दबा दिया गया। ग्रामीणों ने उस जगह को खोदकर सच सामने लाने की मांग भी की।