रायगढ़

एसपी, एमएलए, मंत्री सबसे शिकायत! महीनों से न्याय को तरस रहा परिवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 सितंबर। जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छाल से एक समाज को झकझोर कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। यहां गरीब एक आदिवासी परिवार ने छाल थाना पुलिस के दो पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां बीकॉम में पढऩे वाले आदिवासी छात्र को दो पुलिसकर्मी सुबह-सुबह महुवा शराब के केस में उठाकर ले गए। फिर एफआईआर और छात्र के करियर का डर दिखाकर 20 हजार रुपए ले लिए।
इस मामले में पीडि़त आदिवासी छात्र के परिजनों ने बताया कि 5 जुलाई की सुबह 6 बजे छाल थाने से कुछ पुलिसकर्मी आए और बीकॉम सेकंड ईयर में पढऩे वाले अनुराग राठिया को अपने साथ थाने ले गए। इसके बाद परिजन दौड़ते भागते थाने पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात दो पुलिसकर्मी हरेंद्र पाल जगत और गोविंद बनर्जी से हुई। उन्होंने परिजनों को बताया कि थाना प्रभारी रायगढ़ गए हुए हैं। उनसे फोन पर बात हुई है। उन्होंने कहा है कि तीस हजार दो कैश में, तब सेटलमेंट हो जाएगा नहीं तो, तुम्हारा लडक़ा जेल जाएगा।
परिजनों ने बताया कि उनके पास सिर्फ पांच हजार थे। जिस पर वो लोग नहीं माने। बात 15 हजार तक गई, उन्होंने समझाइश दी कि टीआई साहब नहीं मान रहे हैं, पढऩे लिखने वाला लडक़ा हैं। करियर खराब हो जाएगा। 20 हजार दे दो, कोई केस नहीं होगा, छोड़ देंगे।
जिस पर परिजनों 20 हजार की व्यवस्था की। गोविंद बनर्जी ने 20 हजार लिया। बाद में उन्हें पता चला कि 4 लीटर महुआ का केस बना दिया गया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि छाल थाना के उन पुलिसकर्मियों ने फर्जी केस में फसाने और करियर खराब होने का दबाव बनाकर उनसे 20 हजार वसूले और केस भी बना दिया।