रायगढ़

रायगढ़ में नई सडक़ें 6 महीने में उखड़ गई
04-Sep-2025 7:53 PM
रायगढ़ में नई सडक़ें 6 महीने में उखड़ गई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 4 सितंबर। शहर की सडक़ों को संवारने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजा यह निकला कि कुछ ही महीनों में सडक़ें फिर से पुराने हाल में लौट आईं। नगर पालिका निगम रायगढ़ क्षेत्र की 27 सडक़ों पर करोड़ों रुपये की लागत से निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है। दावा किया गया था कि अब शहर की तस्वीर बदलेगी, लेकिन बारिश के पहले ही डामर की परतें उखडऩे लगी हैं।

शहर के बोईरदादर रोड, शालिनी स्कूल मार्ग और ढीमरापुर रोड़, जुटमिल रोड़, टीवी टॉवर रोड पर हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। छह महीने पहले इन मार्गों को नया बनाया गया था, लेकिन अब यहां फिर से बड़े गड्ढे दिखाई देने लगे हैं. नागरिक सवाल उठा रहे हैं कि जब करोड़ों खर्च किए गए तो काम की गुणवत्ता क्यों नहीं देखी गई?

सडक़ निर्माण में भारी अनियमितता का आरोप

जनता और विपक्ष का आरोप है कि सडक़ निर्माण में भारी अनियमितताएं हुई हैं। नेता प्रतिपक्ष सलीम नियारिया का कहना है कि जिन स्थानों पर डामरीकरण जरूरी था, वहां ध्यान नहीं दिया गया। दूसरी ओर जहां प्राथमिकता नहीं थी, वहां पैसा बहा दिया गया।

लोगों का कहना है कि यह काम वित्त मंत्री और स्थानीय प्रशासन की निगरानी में हुआ, ऐसे में जिम्मेदारी तय होना जरूरी है. यदि निगरानी में कमी रही तो यह लापरवाही है और अगर सब कुछ जानकारी के बावजूद हुआ तो फिर यह भ्रष्टाचार का साफ उदाहरण है।

पहली ही बरसात में बह गईं डामर की परतें

शहर की कई सडक़ों की हालत बेहद चिंताजनक है। कबीर चौक से कांशीराम चौक तक की सडक़ पर सैकड़ों गड्ढे हैं। पहली ही बरसात में जीरो मिस्ट्री तकनीक से भरी गई परत बह गई। विजयपुर चौक से इंदिरा विहार मार्ग, जेल कॉम्पलेक्स से अंबेडकर चौक तक का हिस्सा और मालधक्का से स्टेशन मार्ग- ये सभी सडक़ें भी बारिश के बाद से टूटी-फूटी पड़ी हैं. कोष्टापारा से शहीद चौक मार्ग पर तो 20 फीट लंबा गड्ढा बन गया है, जिसे लोग खुद मलबा डालकर भरने की कोशिश कर रहे हैं।

लोगों में आक्रोश है कि शहर की गली-मोहल्लों और मुख्य मार्गों को ठीक करने के बजाय सिर्फ दिखावा किया गया। जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहे, लेकिन मरम्मत का काम शुरू तक नहीं हुआ।


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