रायगढ़

मानव आयोग ने एसपी को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 19 जुलाई। जूटमिल क्षेत्र में 12 जुलाई की शाम को दो गुटों के बीच हुई मारपीट की घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण आयोग रायगढ़ ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बंटी सिंह नामक व्यक्ति मारपीट को रोकने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। आयोग का आरोप है कि रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए बंटी सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जबकि वीडियो में उनकी भूमिका मारपीट रोकने की प्रतीत होती है।
आयोग के जिला अध्यक्ष रोमेश कुमार सिन्हा ने ज्ञापन में कहा कि पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे तीन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच नहीं की, जो निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक थी। उन्होंने यह भी बताया कि सामान्य प्रक्रिया के विपरीत, पुलिस ने पहले एफआईआर दर्ज की और अगले दिन जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची। इसके अलावा, बंटी सिंह के परिवार द्वारा दी गई शिकायत को भी स्वीकार नहीं किया गया, जिससे पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि रायगढ़ पुलिस समय-समय पर जनता को मदद के लिए प्रोत्साहित करती है, जैसे सडक़ दुर्घटना में सहायता करना या सीसीटीवी के उपयोग को बढ़ावा देना। लेकिन इस मामले में, बंटी सिंह द्वारा मारपीट रोकने का प्रयास करने के बावजूद उन्हें दोषी ठहराया जाना जनता में गलत संदेश दे रहा है।
आयोग ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, सीसीटीवी फुटेज की गहन समीक्षा की जाए, बंटी सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की पुनर्विचार हो, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और निर्दोषों को न्याय मिले। साथ ही, बंटी सिंह के पूर्व मामलों को इस घटना से जोड़े बिना केवल वायरल वीडियो के आधार पर जांच करने की अपील की गई है।
रोमेश कुमार सिन्हा ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस अधीक्षक इस मामले को गंभीरता से लेंगे और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे, ताकि जनता का पुलिस और कानून व्यवस्था में विश्वास बना रहे।