रायगढ़

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायगढ़, 13 जुलाई। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत पुटूकछार में बीते कुछ दिनों से हो रही निरंतर भारी वर्षा से मुख्य बस्ती को खम्हार से जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर स्थित पेटोरी चपटा नाले में बनी पुलिया एक बार पुन: ढह गई । अब न वाहन आ सकते हैं, न बीमार को अस्पताल ले जाया जा सकता है।
मिली जानकारी अनुसार इस पुलिया का निर्माण आरईएस विभाग द्वारा किया गया था। इस संबंध में उपसरपंच भुनेश्वर यादव ने बताया कि विगत वर्ष ही पुलिया की जर्जरता को देखते हुए विभाग सहित क्षेत्रीय विधायक लालजीत राठिया,सांसद राधेश्याम राठिया को पत्राचार और मौखिक रूप से अवगत कराया गया था, किंतु उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि सांसद , विधायक ने आश्वासन तो दिया, किंतु न स्वयं आए, न ही विभागीय अमले को सक्रिय किया।
उन्होंने बताया उनके अथक प्रयास से आरईएस विभाग को निवेदन करने से बीते वर्ष की तरह इस बार भी आरईएस विभाग ने पुलिया के अस्थायी मरम्मत हेतु गिट्टी डालकर खानापूर्ति की, लेकिन तेज बहाव के सामने वह इंतजाम भी टिक न सका और बहकर चला गया। अब हालात ऐसे हैं कि बड़ी गाडिय़ों का प्रवेश पूरी तरह बंद हो गया है, और दोनों ओर के मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष जब पुलिया पहली बार ढही थी, तब उसे महज गिट्टी डालकर 'सुधारÓ दिया गया था। इस वर्ष फिर वही 'मरम्मतÓ दोहराई गई और नतीजा सामने है, थोड़ी-सी बारिश में पुलिया पुन: बह गई। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह पुलिया पानी से टूटी है या प्रशासनिक असंवेदनशीलता और निर्माण की लापरवाही से ढही है?
ग्रामीणों के अनुसार इस पुलिया की नींव पत्थरों से उथली बनायी गई थी, जो वर्षा के बहाव को सह नहीं सकी। नतीजन अब वहां से गुजरना भी दूभर हो गया है। और वहीं गांव की स्थिति इस हद तक चिंताजनक हो चुकी है कि कोई आकस्मिक स्थिति आने पर, एम्बुलेंस सेवा भी
गांव तक नहीं पहुंच सकती।
इस संबंध में सूचना उपसरपंच ने आपदा प्रबंधन प्रभारी उज्ज्वल पांडे को भी इस विकट स्थिति की फोन पर दी है। पांडे ने शीघ्र ही स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। किंतु गांव का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
इन विषम परिस्थितियों में उपसरपंच भुनेश्वर यादव ने बीडीसी जनक राम राठिया को सूचना दी, वहीं बीडीसी ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए स्वयं गांव पहुंचकर स्थिति का अवलोकन किया और प्रभावित ग्रामीणों से संवाद कर आश्वासन दिया कि वे यह मुद्दा शासन-प्रशासन तक दृढ़ता से उठाएंगे।
बहरहाल, पुटूकछार के गांववासियों की उम्मीद अब प्रशासनिक संवेदनशीलता और ठोस कार्रवाई पर टिकी है, जिससे उनका टूटा हुआ रास्ता नहीं, जीवन की रफ्तार पुन: बहाल हो सके।