रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 7 जुलाई। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक प्रमुख भारतीय राजनेता, शिक्षाविद् और वकील थे। वह एक प्रतिभाशाली और दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में विकसित हुई।
वह एक प्रमुख शिक्षाविद् थे और उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। डॉ. मुखर्जी ने जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और विपक्ष में शामिल हो गए। डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर नीति पर सरकार की आलोचना की और एक देश, एक निशान, एक विधान के सिद्धांत की वकालत की।डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु 1953 में कश्मीर में हुई थी, जब उन्हें बिना किसी मुकदमे के जेल में रखा गया था। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में याद किया जाता है और उनकी विरासत आज भी प्रासंगिक है।उनके द्वारा कहे गए यह शब्द की देश के लिए जीना है,तो पहले देश के लिए मरना होगा ,अमरत्व प्रदान करते है।आज उनकी जयंती पर जिला भाजपा कार्यालय में नगर मंडल के संयोजन में जयंती कार्यक्रम मनाया गया।इस अवसर गुरुपाल सिंह भल्ला,श्रीकांत सोमावार,संजय अग्रवाल,श्रीमती पूनम सोलंकी,ज्ञानेश्वर सिंह गौतम, प्रवीण द्विवेदी,सुमित शर्मा,संतोष साहू,अभिलाष कछवाहा,मितेश शर्मा,मीनाक्षी मेहर एवं मंडल के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।