रायगढ़

एनजीओ संचालक रंजीत चौहान का एक और कारनामा आया सामने
01-Apr-2025 4:41 PM
एनजीओ संचालक रंजीत चौहान का एक और कारनामा आया सामने

बिल्डिंग निर्माण का काम दिलाने के नाम पर ठगी, एफआईआर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 01 अप्रैल।
रायगढ़ जिले में एक एनजीओ संचालक ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर एचडब्ल्यूसी की बिल्डिंग निर्माण का काम दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। पीडि़त की शिकायत के बाद चक्रधर नगर पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है। यहां यह बताना लाजमी होगा कि इसी माह ही इसी एनजीओ संचालक के खिलाफ एक और ठगी का मामला दर्ज हो चुका है।

मिली जानकारी के मुताबिक कौआताल निवासी राजकिशोर साहू (36) ने चक्रधर नगर थाने में रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि वह और उसका एक मित्र हेमसागर श्रीवास दोनों का रंजीत चौहान से परिचय हुआ था। इस दौरान रंजीत चौहान ने उन्हें बताया कि वह एनजीओ संचालक है और सरकार के द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के तहत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर एचडब्ल्यूसी की बिल्डिंग निर्माण का प्रोजेक्ट मिलना बताया गया। जिसके बाद कई बार असीम कृपा फाऊंडेशन कार्यालय हिमाल्या हाईट्स सब स्टेशन के सामने बोईरदादर लेकर गया। जहां रंजीत कुमार चौहान को इसके संबंध में विस्तृत से बताया।

राजकिशोर साहू ने बताया कि रंजीत चौहान ने उन्हें हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर बिल्डिंग निर्माण का कार्य फाईल दिखाया और इस कार्य हेतु इच्छित होने पर सुरक्षा निधि राशि 6 लाख जमा करने को कहा गया। जिसके बाद 20 जून 2024 को 3 लाख रूपये तथा 21 जून 2024 को 2 लाख रूपये फोन पे के द्वारा दिया गया एवं 12 जुलाई 2024 को 1 लाख रुपये फोन के द्वारा दिया गया।

दोनों के बीच हुआ था अनुबंध
राजकिशोर साहू ने बताया कि 6 लाख रूपये लेनदेन के संबंध में उसके और रंजीत के बीच अनुबंध भी किया गया था। जिसमें रंजीत ने सहमति देते हुए अनुबंध में यह उल्लेख किया था कि यदि काम नहीं होता है तो मूल राशि के साथ ब्याज सहित समस्त राशि वापस करेगा। सुरक्षा निधि देने के पश्चात् रंजीत कुमार चैहान ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की बिल्डिंग निर्माण कार्य के लिए अग्रिम राशि के रूप में 1 करोड़ 12 लाख रूपये एवं 62 लाख के अलावा 17 लाख का चेक अलग-अलग दिनांक को दिया।

बार-बार चेक होता रहा वापस
राजकिशोर साहू ने बताया कि उसके द्वारा बैंक में चेक जमा करने पर हस्ताक्षर का मिलान नही होना तथा उक्त चेक बैंक से वापस हो गया। कई बार चेक वापस होनें से कार्य न करने की इच्छा से रंजीत से सुरक्षा निधि मांगने पर 03 अगस्त 2024 से 05 अगस्त के बीच 1 लाख रूपये वापस किया एवं भवन निर्माण का काम देने का आश्वासन देते हुए जमा रकम का 05 अगस्त 2024 को दोनों के मध्य इकरारनामा निष्पादित किया।

 

इसके बावजूद अपना रकम एवं भवन निर्माण हेतु राशि नही मिलने के बाद बार-बार मांग करने पर 23 सितंबर 2024 को 1 लाख रूपये, 05 अक्टूबर को 1 लाख रूपये एवं 15 अक्टूबर को 1 लाख रूपये तथा 11 नवंबर को 25 हजार रूपये कुल 4 लाख 25 हजार फोन पे के माध्यम से वापस किया गया।

पीडि़त की शिकायत के बाद हुआ एफआईआर
शेष रकम 1 लाख 75 हजार वापस नहीं किया गया। रंजीत कुमार से बार-बार पैसा मांगने पर वह टालमटोल कर लगातार गुमराह किया जाता रहा है। जिसके बाद पीडि़त ने चक्रधर नगर थाने में रंजीत के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई है। पीडि़त की शिकायत के बाद चक्रधर नगर पुलिस ने रंजीत चौहान के खिलाफ धारा 118(4) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है।
 

4 लाख 25 हजार लौटाया
इकरारनामा में रंजीत कुमार चौहान के द्वारा 12 अगस्त 2024 को अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक 369.....से आरटीजीएस के माध्यम से 60 लाख रूपये अग्रिम राशि स्थानांतरण करूंगा आरटीजीएस नहीं होने पर 6 लाख रूपये वापस कर दूंगा बोला गया। 


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