रायगढ़

हत्या: आरोपी को उम्रकैद
29-Nov-2024 4:37 PM
हत्या: आरोपी को उम्रकैद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 29 नवंबर।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार ठाकुर के न्यायालय में थाना कोतरारोड़ के अपराधिक प्रकरण क्रमांक 148-2023 धारा 302,120बी, 34 भादवि में अभियुक्त देवदास महंत (42) को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसी प्रकरण में सह अभियुक्त रहे कैलाश कपूर सिदार को आरोपित सभी धाराओं पर दोष मुक्त किया गया है।

अभियोजन के अनुसार मृतक कमल दास महंत एवं अभियुक्त देवदास महंत दोनों के बीच धंधा, रकम लेनदेन का विवाद था। कैलाश सिदार का भी कमल दास महंत से विवाद था, विवाद को लेकर कैलाश सिदार कई बार कमल दास को जान से मारने की धमकी दिया था। इसी बात को लेकर कैलाश सिदार और उसके साथी अभियुक्त देवदास महंत आपस में एक राय होकर कमल दास महंत की हत्या की योजना बनाए और पूर्व नियोजित तरीके से आपराधिक षडयंत्र कर 17 दिसंबर की शाम 6 बजे अभियुक्त देवदास महंत अपनी मोटरसाइकिल से ग्राम बयांग से कमल दास महंत को बिठाकर नंदेली लेकर आया।

नंदेली में अभियुक्त देवदास महंत ने कमल दास को अत्यधिक शराब पिलायी और मोटरसाइकिल में बिठाकर ग्राम जोगीतराई के लेकर आया और उसे छोडक़र अपने साथी कैलाश सिदार को लेने उसके गांव गया फिर दोनों जोगीतराई में कमल दास महंत को साथ लेकर ग्राम कोतरा एकांत जगह में मौका देखकर लोहे की रॉड-छड़ से कमल दास महंत के सिर पर चोट पहुंचाकर हत्या कर दिए और शव को घटनास्थल पावर ग्रिड के सामने छोडक़र वापस अपने घर बयांग आ गए। 18 दिसंबर को अस्पताल तहरीर पर थाना कोतवाली में बिना नंबरी मर्ग कायम किया गया, थाना कोतरारोड को मर्ग डायरी प्राप्त होने पर मर्ग क्रमांक 76ध्23 धारा 174 सीआरपीसी कायम कर जांच में लिया गया। 

मर्ग जांच पर दोनों आरोपियों के विरूद्ध हत्या का अपराध कायम कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई तथा महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ चालान न्यायालय पेश किया गया।
न्यायालय द्वारा में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक मनमोहन सिंह ठाकुर द्वारा पैरवी की गई पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य जिसमें तात्कालिक थाना प्रभारी कोतरारोड़ उप निरीक्षक गिरधारी साव एवं विवेचनाधिकारी द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ ही आरोपी देवदास महंत के मेमोरेंडम पर घटना में प्रयुक्त लोहे का टुकड़ा रॉड और मोटर सायकल सुपर स्पलेण्डर मय चाबी एवं की विधिवत जब्ती की गई थी जो प्रति परीक्षण में भी खण्डित नहीं हो सका।  न्यायाधीश द्वारा अभियोजन एवं अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दलीलों का सूक्ष्मता से परिशीलन किया गया और अपने नतीजे पर पहुंचे, उन्हें देवदास महंत को  हत्या करना (धारा 302 भादंवि) में अपराध सिद्ध पाकर आजीवन कारावास एवं 5000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया है तथा अन्य आरोपी कैलाश कपूर सिदार को हत्या और आपराधिक षड्यंत्र के अपराध में दोस्त मुक्त किया गया है। अभियोजन पक्ष की पैरवी एवं एसआई गिरधारी साव द्वारा की गई गहन जांच और मजबूत साक्ष्य संग्रहण की वजह से यह लगातार दूसरा मामला है जिसमें अभियुक्त को सख्त सजा मिली है।


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