रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 नवंबर। सडक़ दुर्घटना में घायल साथी को अस्पताल पहुंचाने की बजाय, भागने वाले दो युवकों पर चक्रधरनगर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। एडिशनल एसपी आकाश मरकाम ने ऐसे मामलों में गुड सेमेरिटन की भावना से घायल की मदद करने की अपील की है।
मिली जानकारी के अनुसार थाना चक्रधरनगर के धारा 194 बीएनएसएस के मृतक सुधीर सा (26) की सडक़ दुर्घटना में मृत्यु होने के संबंध में अस्पताली मेमो पर मर्ग इंटीमेशन दर्ज कर पंचनामा कार्रवाई किया गया। शव निरीक्षण में मृतक के सिर तथा अन्य भागों में चोट आना पाया गया है। मृतक के मृत्यु संबंध में पीएम रिपोर्ट प्राप्त किया गया तथा घटनास्थल का निरीक्षण कर मृतक के वारिसान और गवाहों के कथन लिए गये, जिसमें पाया गया कि घटना दिनांक 13 अक्टूबर की शाम को सुधीर सा (मृतक), अजय निषाद और अलेख साय एक ही मोटर सायकल से ग्राम महापल्ली दुर्गा देखने जा रहे थे। मोटर सायकल को अलेख साव चला रहा था, बीच में अजय निषाद और पीछे सुधीर सा बैठा हुआ था। ग्राम महापल्ली बेरियर के पास मुख्य मार्ग में मोटर सायकल सहित तीनों गिर गये जिसमें सुधीर सा के सिर एवं शरीर में अंदरूनी चोंट आया जो घटना स्थल पर ही बेहोशी हालत में था, जिसे तत्कालिक ईलाज की आवश्यकता थी।
घटना स्थल से लगभग 02 किमी की दूरी पर ही ग्राम लोईंग स्वास्थ्य केन्द्र है तथा घटना स्थल से लगभग 08 किमी की दूरी पर आलेख का गांव बेलरिया स्थित है। उसके दोनों दोस्त अजय निषाद और अलेख साय ने सुधीर को अस्पताल न ले जाकर अपने दोस्त को बुलाये और ग्राम बेलरिया के बाहर एक बाडी में घायल सुधीर को छोड़े और सुधीर के परिजन को बिना सूचना दिये अपने-अपने घर चले गये। ग्रामवासी के माध्यम से काफी समय बाद सुधीर के घरवालों को एक्सीडेंट की जानकारी मिली और सुधीर को अस्पताल लेकर गये, जहां ईलाज दौरान सुधीर सा की 15 अक्टूबर को मृत्यु हो गई।
मृतक के दोस्त अजय निषाद एवं अलेख साव यह भली भांति जानते थे कि सुधीर को अस्पताल न ले जाने से उसकी मृत्यु संभाव्य है और बिना सुधीर के परिजन को बिना सूचना दिये गांव के बाहर गाड़ी में छोडक़र भाग गये। थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव द्वारा मर्ग जांच पर दोनों आरोपी अलेख साव (24), अजय निषाद (27) के विरूद्ध धारा 105, 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर दोनों आरोपियों की छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया और दोनों को रिमांड पर पेश कर जेल दाखिल किया गया है।
एडिशनल एसपी आकाश मरकाम ने कहा कि घायल व्यक्ति की सहायता करना मानवीय कर्तव्य है। गुड सेमेरिटन कानून के तहत सहायता करने वाले लोगों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने आम जनता से अपील की कि सडक़ दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की तुरंत मदद करें और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में देरी न करें।