रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 26 नवंबर। रायगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने केंद्र में बैठी भाजपा और प्रदेश की साय सरकार जो खुद को डबल इंजन की सरकार कह बात बात पर खुद ही अपनी पीठ थपथपाती है उस पर निशाना साधते हुए रेल टर्मिनल की बहुप्रतीक्षित मांग के खरिज होने पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 1998 की तत्कालीन एनडीए की सरकार के रेल मंत्री नीतीश कुमार ने रायगढ़ में रेल टर्मिनल का शिलान्यास कर वृहद जनसभा भी की थी, जिससे स्थानीय लोगों को महसूस होने लगा था कि बेहतर रेल सुविधाएं इस क्षेत्र के लोगों को मिलने लगेगी, पर तब से अब तक इस परियोजना की प्रगति पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और 26 साल से ये मांग सिर्फ कागजों के पन्नों पर ही सिमटती चली गई और खारिज होती रही, वहीं पिछले सत्र में जब रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया ने संसद में शून्यकाल में टर्मिनल की मांग को उठाया तो जिस आधार पर रायगढ़ में टर्मिनल की जरूरत को खारिज किया, वह सिर्फ टालने वाली बात नजर आती है क्योंकि रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने कहा कि रायगढ़ से गोंडवाना और शताब्दी जैसी ट्रेनें पहले से चल रही हैं और जिनके टर्मिनल निजामुद्दीन और गोंदिया में हैं ही, तो इसकी जरूरत रायगढ़ को नहीं है।
अनिल शुक्ला ने बताया कि वित्त मंत्री व स्थानीय विधायक ओम प्रकाश चौधरी ने 1 अप्रैल को रायगढ़ विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में जोर-शोर से कहा था कि रेल टर्मिनल की बहुप्रतीक्षित योजना जल्द पूरी हो जाएगी, उनकी इस घोषणा पर भी रेलमंत्रालय ने टर्मिनल की मांग को खरिज कर पूर्ण विराम लगा दिया। अतएव ओपी चौधरी से भी निवेदन है कि वे जुमलेबाजी न करें। रायगढ़ वासियों के हक की लड़ाई को मजबूती से लड़ सकें तो ही लड़ें, अन्यथा झूठे आश्वासन देकर यहां की जनता को गुमराह न करें।
अनिल शुक्ला ने कहा कि रायगढ़ अब वृहद रूप ओद्योगिक नगरी का रूप ले चुका है और देश के हर प्रान्त से लोगों का यहां लगातर आना-जाना होता है, वहीं यहां से अम्बिकापुर बनारस सारंगढ़ महासमुंद जशपुर जैसे स्टेशनों को जोड़े जाने का प्रयास होना चाहिए। यहां से कोयले डोलोमाइट चूना पत्थर लौह अयस्क जो रेल मार्ग से ही गंतव्यों को जाते हैं। रेल टर्मिनल बन जाने से इनकी निर्बाध सप्लाई हो सके, इसलिए यहाँ टर्मिनल जरूरी है। वहीं रेलवे को मालवाहक अत्यधिक आय देने वाले स्टेशन भी इस जिले में ही है।
अनिल शुक्ला ने कहा कि डबल इंजन का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार ने 1998 की अपनी ही सरकार के तात्कालीन सरकार के रेलमंत्री नीतीश कुमार के शिलान्यास की हवा निकाल दी, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी और कहा कि रायगढ़वासियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा व रायगढ़ की जन सुविधा व स्थानीय विकास के लिए यहां के लोगों को रेल टर्मिनल सुविधा मिलनाअति आवश्यक है। रेल मंत्रालय को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।