महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 दिसंबर। महासमुंद जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में विद्यार्थियों के अपार आईडी तैयार किए जा रहे हैं। प्रक्रिया के दौरान यह सामने आया है कि बड़ी संख्या में बच्चों के आधार कार्ड में दर्ज नाम, जन्मतिथि और अभिभावकों के नाम में अंतर मौजूद है। इन विवरणों के स्कूल रिकॉर्ड से मेल न खाने के कारण अपार आईडी जनरेट करने में कठिनाई आ रही है।
सूचना के अनुसार, कई विद्यार्थियों के नाम या पिता के नाम में मात्रा अथवा वर्तनी का अंतर है, जबकि कुछ के आधार में दर्ज जन्मतिथि स्कूल के दाखिल-खारिज रजिस्टर से मेल नहीं खा रही। इसी कारण से अब तक 27,326 विद्यार्थियों के अपार आईडी आवेदन रिजेक्ट हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि अपार आईडी अनिवार्य होने के बाद छात्रवृत्ति, गणवेश वितरण, पुस्तक उपलब्धता तथा अन्य शैक्षणिक योजनाएँ इसी आईडी से जुड़ी रहेंगी। अपार आईडी के लिए आधार, स्कूल के यू-डाइस डेटा और प्रवेश रजिस्टर का एक समान होना आवश्यक है।
डीएमसी रेखराज शर्मा ने बताया कि सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के पहचान के लिए अब अपार आईडी कार्ड बनेगा। जिसका डिजिट नंबर 12 अंकों का होगा। इस अपार आईडी कार्ड में विद्यार्थियों के सभी दस्तावेज डेटा सुरक्षित रहेगा। जिले में कुल 2,15,945 विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी बनाई जानी है। अब तक 1,67,252 आईडी जनरेट की जा चुकी हैं।अभी 48,693 विद्यार्थियों के आधार कार्ड लंबित हैं, जिनका सत्यापन होना बाकी है। इनमें 9,534 विद्यार्थियों के आधार उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। वहीं 1,024 आधार कार्ड का वैलीडेशन लंबित हैं। डीएमसी रेखराज शर्मा ने बताया कि अपार आईडी बनने के बाद विद्यार्थियों को विभिन्न राज्यों या स्थानों पर प्रवेश या आवेदन के समय मूल दस्तावेज साथ रखने की आवश्यकता कम होगी, क्योंकि आवश्यक सूचनाएँ डिजिटल रूप से उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के आधार में त्रुटियाँ हैं, उनके अभिभावकों से आधार सेवा केंद्र में सुधार कराने का अनुरोध किया गया है। अभिभावकों ने प्रक्रिया में लगने वाले समय और सेवा केंद्रों में सुधार के लिए लगाए जाने वाले शुल्क (50 रुपये) को लेकर असुविधा होने की बात कही है।
शर्मा ने कहा कि सभी स्कूल शिक्षक और संकुल समन्वयकों को प्रशिक्षण दिया गया है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही प्रत्येक विद्यार्थी का यूनिक अपार आईडी नंबर जनरेट किया जा रहा है। आधार विवरण में सुधार होने के बाद शेष विद्यार्थियों की आईडी भी बनाई जाएगी।


