महासमुन्द

महतारी वंदन महिलाओं की बनी संजीवनी
15-Oct-2024 2:32 PM
महतारी वंदन महिलाओं की बनी संजीवनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद,15 अक्टूबर।
जिला महासमुंद के एकीकृत बाल विकास परियोजना महासमुंद शहरी के वार्ड नम्बर 4 ईदगाह भाठा शारदा मंदिर के पीछे  देवारों की बस्ती में एक छोटा सा घर नंदनी टांडी का है। वे यहां अपने दो बच्चों के साथ रहती है। बड़े ही आत्मविश्वास के साथ अपनी हालत के बारे में बया करते नंदनी भावुक हो जाती है। पति से अलग होने के बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी पूरी तरह उनके कंधों पर आ गई। कचरा बीनकर  जो कुछ मिलता उसे बच्चों की देखभाल और जीवन यापन के लिए खर्च करती थी। बमुश्किल से प्रतिदिन 100-150 रुपए तक ही कमा पाती थी। 

वे कहती हंै कि अकेले रहने का दर्द मैं बखूबी झेलती रही हूं। एक तो आर्थिक समस्या दूसरी ओर बच्चों का लालन.पालन की  जिम्मेदारी कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा था। बड़े उत्साह के साथ बताती है कि जब से महिला एवं बाल विकास विभाग की  पर्यवेक्षक शीला प्रधान ने महतारी वंदन योजना के बारे में बताया और कार्यकर्ता दीदी लल्ली आर्य के द्वारा सभी जरूरी कागजात के साथ मेरा फार्म  भरा गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हर महीने एक हजार रुपए दे रहे है।

महतारी वंदन योजना के तहत। नंदनी के पास पैसे की हमेशा तंगी रहती थी।  किंतु विगत आठ महीने से उनका बटुआ भरा रहता है।
उन्होंने बताया कि मुझे बकरी पालने का शौक है। अभी मेरे पास एक बकरी है। महतारी वंदन के पैसे से मैं जल्दी ही दूसरी बकरी  खरीदूंगी। मेरी बेटी भी 9वीं कक्षा में पढ़ रही है। उसे भी आगे पढ़ाऊंगी। नंदनी कहती है कि मुझे हर महीना अपने मोबाइल पर घंटी बजने का इंतजार रहता है। 
 


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