महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 नवंबर। नाबालिग के साथ रेप करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने आरोपी युवक को तीन धाराओं के तहत 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। तीनों धाराओं की सजा एक साथ चलेगी। इसके साथ आरोपी को अर्थदण्ड की भी सजा सुनाई है। अर्थदण्ड अदा नहीं करने के एवज में अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भी भुगतनी होगी। मामला तुमगांव थाना क्षेत्र का है।
अभियोजन के अनुसार 3 नवंबर 2019 को ग्राम गोपालपुर थाना तुमगांव निवासी पुनाराम निषाद (22) नाबालिग को बहला-फुसलाकर, शादी का झांसा देकर भगा ले गया। मना करने के बाद भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और धमकी दी थी कि घटना के बारे में किसी को बताई तो ठीक नहीं होगा। वह किसी तरह भागकर अपने घर आई और घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी।
प्रार्थिया की उक्त रिपोर्ट पर थाना तुमगांव में आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 363, 366 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। पुलिस ने विवेचना के दौरान चिकित्सा परीक्षण उपरांत आरोपी के खिलाफ धारा 376-2 एवं पास्को एक्ट जोड़ा गया और संपूर्ण कार्रवाई के बाद अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया गया।
इसके बाद आरोप सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश ने 18 नवंबर को प्रकरण पर निर्णय लेते हुए आरोपी को धारा 363, 366, 376 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में दोषी पाए जाने पर क्रमश: 5, 7 व 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही उसे 1000, 2000 एवं 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थ दंड नहीं चुकाने के एवज में आरोपी को 1, 2 व 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले की पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक सलीम कुरैशी ने की।