महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बागबाहरा, 20 नवंबर। भाजपा नेत्री अलका चंद्राकर ने कहा कि जिला पंचायत महासमुंद द्वारा केंद्र से प्राप्त 15वें वित्त आयोग की राशि में भेदभाव एवं दुर्भावनापूर्ण आवंटन किया जा रहा है। जिला पंचायत महासमुंद के द्वारा महात्मा गांधी के पंचायती राज सपनों को धूमिल करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।
अलका चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में आगे कहा कि जिला पंचायत द्वारा शुरू से अपारदर्शिता पूर्ण कार्य किया जा रहा है न ही सदस्यों को कोई जानकारी दिया जा रहा है न ही सामान्य सभा में पारित प्रस्ताव की कापी दिया जाता है। कोई जानकारी मांगने पर गोपनीयता नियमों को हवाला दिया जाता है।
2019-20 में जिला पंचायत सदस्य को 3850000 रू एवं अध्यक्ष जिला पंचायत को एक करोड़ उपाध्यक्ष को 60 लाख रु आवंटित किया गया। वर्ष 2020 21 हेतु जिलासदस्यों 28 लाख कुछ सदस्यों को 20 लाख एवं क्षेत्र 05 के सदस्य अलका चंद्राकर जो भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ी थी, उसे जिला पंचायत द्वारा भेदभावपूर्ण तरीके से उसके प्रस्ताव में से सिर्फ 11.50 लाख का कार्य आवंटित किया गया। केंद्र से प्राप्त राशि का जिला पंचायत द्वारा भेदभाव पूर्ण कार्य निंदनीय है।
ज्ञात हो कि 15वें वित्त आयोग की राशि सभी मद अधोसरंचना पेयजल स्वच्छता संचार एवं संकर्म सांस्कृतिक संरक्षण महिला एवं बाल विकास आदि मदो समानुपातिक रूप से सभी सदस्यों को कार्य आवंटित करना था किंतु चिन्हाकित 1-2 सदस्यों को एक ही मद में कार्य दिया गया जो कि नियमानुसार गलत है कोरोना हेतु प्रत्येक सदस्यों के मद से ढाई लाख की राशि निकाली गई जिसका अभी तक अता पता नहीं है।
जिला पंचायत द्वारा दी गई कार्रवाई के विरोध भविष्य में जिला पंचायत के सामने दिवसीय धरना जिला पंचायत सदस्य अलका चंद्राकर एवं क्षेत्र के जनपद सदस्य सरपंच पंच एवं ग्रामीणों द्वारा दिया जाएगा। यदि उपरोक्त विषय पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो भविष्य में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास कलेक्टर जिला महासमुंद सभी समाचार पत्रों को प्रेषित की है।