महासमुन्द

कहा यह किसानों के हौसले की जीत है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 नवंबर। केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल लाए गए तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद विभिन्न किसान संगठनों ने हर्ष जताया है। कई राजनीतिक संगठनों ने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
इसी क्रम में संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा लोकतंत्र की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार है। काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पहले हो जाती तो सैकड़ों किसानों को जान गंवानी नहीं पड़ती।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पारित कृषि बिल विधेयक से किसानों में आक्रोश था। नए कानूनों के जरिए सरकार ने किसानों को कार्पोरेट घरानों के हवाले करने की तरफ कदम बढ़ाया था। इस विधेयक से सहकारी समिति, संस्था और मंडी व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो जाती। जबकि सहकारी समितियां और कृषि उपज मंडी किसानों को संबल प्रदान करती हैं। इस काले कानून को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त रहा। जिसे लेकर किसान संगठन शुरू से विरोध करते आ रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। तब कहीं जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल को वापस लेने का फैसला लिया। हालांकि यह केंद्र सरकार फैसला दो राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भी लिया गया है। मोदी सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इसका जवाब जनता आने वाले चुनाव में देगी।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. रश्मि चंद्राकर ने कहा कि अंहकार से लबालब केंद्र सरकार आखिरकार झुकने के लिे तैयार हुई है। देश का अन्नदाता तीन काले कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन के दौरान हर मौसम का मार झेल चुके किसान की आज बड़ी जीत हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह किसानों पर तीनों कृषि कानून को थोपा था, उसका विरोध किसान के साथ देश की जनता ने भी किया। आज अगर तीन काले कृषि कानून को वापस लिया गया तो ये किसानों की एकता, किसानों की न हराने वाली इच्छा शक्ति की जीत है।
आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र चन्द्राकर के नेतृत्व में कल महासमुंद के नेहरू चौक में तीनों काले कृषि कानून की प्रतियां जला कर फटाके फोड़े और लोगों के बीच मिठाइयां भी बांटी। लोंगो संबोधित करते हुए श्री चन्द्राकर ने कहा-करीब साल भर से किसान, केंद्र की हठधर्मी, तानाशाही से पूरे मनोयोग से लड़ाई लड़ रही थी। खून जमा देने वाली ठंड से लेकर गर्मी, धूप, बरसात,बदनामी,फर्जी एफआईआर जैसे अत्याचार झेले। आखिर में सत्य की जीत हुई और किसानों ने लड़ाई की पहली पड़ाव जीत ली है। आम आदमी पार्टी के सभी नेता किसानों के इस निर्णायक लड़ाई में कंधा से कंधा मिलाकर चलते रहे और आगे भी लड़ते रहें हैं।
इस अवसर पर व्यापार प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक जैन, खल्लारी विधानसभा अध्यक्ष सकील खान, महासमुन्द विधानसभा अध्यक्ष संजय यादव के अलावा सतीश गोतमारे, कादिर चौहान, राकेश झाबक, पुनाराम निषाद, हेमलाल साहू, भीखम साहू आदि उपस्थित थे।