महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 सितम्बर। कोरोनाकाल में नगर पालिका क्षेत्र के क्वारंटीन सेंटर्स में राशन उपलब्ध कराने, चौक-चौराहों पर टेंट लगाने व कोरोना से होने वाली मौत के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी सप्लाई करने वाले व्यापारियों को आज तक भुगतान नहीं हुआ है। कोरोनाकाल जैसी विपरीत परिस्थिति में पालिका प्रशासन की मदद करने वाले व्यापारी अब अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। व्यापारियों को कुल 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है।
व्यापारी भुगतान के लिए वे सालभर से नगर पालिका और कलेक्टोरेट का चक्कर काट रहे हैं। हालांकि व्यापारियों ने इस संबंध में अब तक अधिकारियों से पत्र व्यवहार नहीं किया है, लेकिन कई बार मुलाकात कर भुगतान नहीं मिलने की जानकारी दी गई है।
व्यापारियों की मानें तो भुगतान को लेकर अधिकारी हर बार यही कहते हैं कि करेंगे-करेंगे, भाग नहीं जाएंगे। भुगतान कब तक होगा, यह भी अधिकारी नहीं बता रहे हैं। इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। व्यापारियों ने अभी तक लंबित भुगतान के बारे में सूचना नहीं दी है। यदि ऐसा है तो जल्द ही भुगतान कराया जाएगा। शहर के व्यापारियों ने विषम परिस्थितियों में पालिका का साथ दिया है, तो भुगतान भी जल्द किया जाएगा।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के दौरान अन्य प्रदेशों से आने वाले मजदूरों के लिए शहर के चार स्थानों पर क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया था। शहर के मध्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल, बागबाहरा रोड शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन, नयापारा स्थित स्व. दिलीप सिंह जूदेव भवन एवं बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा, इन चारों सेंटर में पहली व दूसरी लहर में बाहर से आने वाले करीब 200 मजदूरों को यहां क्वारेंटाइन किया गया था। यहां रहने वाले मजदूरों के लिए भोजन सहित टेंट की व्यवस्था कराई गई थी। साथ ही मजदूरों के लिए खाना बनाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था भी कराई गई थी।
समीक्षा टेंट हाउस के संचालक राजू चंद्राकर का कहना है कि कोविड के समय क्वारेंटाइन सेंटर व अन्य जगहों पर पालिका अधिकारी के कहने पर टेंट लगाया था। लेकिन भुगतान आज तक नहीं हुआ है। करीब 2.50 लाख रुपए का बिल भुगतान शेष है। सीएमओ से कई बार चर्चा कर चुके हैं, लेकिन एक ही जवाब मिलता है- भुगतान के लिए अभी तक मेरे पास फंड नहीं है। फंड आने पर भुगतान किया जाएगा। पालिका के कर्मचारियों से फंड के संबंध में पूछताछ करने पर पता चलता है कि फाइल भुगतान के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन वापस नहीं आया है। पिछले एक साल से पालिका का चक्कर काट रहा हूं, भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
महालक्ष्मी किराना स्टोर्स के संचालक शंभू साहू का कहना है कि कोविड के पहले व दूसरे चरण में क्वारेंटाइन सेंंटर्स में राशन का वितरण किया गया था। जिसका बिल करीब 2 लाख रुपए है। पिछले दो सालों से भुगतान को लेकर पालिका के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन आज तक भुगतान नहीं हुआ है। इस संबंध में अपर कलेक्टर सुनील कुमार चंद्रवंशी को अवगत कराया। सीएमओ एके हलधर से भी भुगतान के संबंध में मुलाकात कर चुका हूं। लेकिन टाल मटोल कर रहे हैं। कभी बोलते है फाइल नहीं आई है तो कभी कहते हैं बाद में बताऊंगा। भुगतान नहीं होने से परेशानी हो रही है। व्यापारियों का भी भुगतान करना है।
लकड़ी व्यापारी अब्दुल रज्जाक खान ने बताया कि कोविड के समय क्वारेंटाइन सेंटर्स में क्वारेंटाइन हुए मजदूरों के लिए लकडिय़ों की सप्लाई की थी। मुक्तिधाम में भी लकडिय़ां भिजवाई गई थी। करीब 50 हजार बकाया है। पालिका बिल का भुगतान नहीं कर रही है। सीएमओ कहते हैं फाइल आएगी तो भुगतान हो जाएगा। विडंबना यह है कि पालिका से फाइल कहां जा सकती है, जबकि भुगतान के लिए कर्मचारियों ने आगे बढ़ा दी है।