महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 सितम्बर। महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार को छग अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर 14 सूत्रीय मांगों को लेकर कलम रख मशाल उठा आंदोलन के तहत जिला मुख्यालय सहित सभी ब्लॉक में विरोध प्रदर्शन किया गया।
इस फेडरेशन के तहत सभी विभागों के 48 संगठन शामिल हैं, जिन्होंने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के कारण राजस्व, पालिका, स्कूल व स्वास्थ्य जैसे लगभग सभी विभागों के कार्य प्रभावित हुए। वहीं कई लोग अपने कार्यों को लेकर कार्यालय पहुंचे थे, जिन्हें बिना काम के ही वापस जाना पड़ा।
फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर महासमुंद कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लंबित महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर फेडरेशन संयोजक एस. चंद्रसेन के नेतृत्व में अवकाश लेकर प्रदर्शन किया गया। धरना के लिए सुबह 11 बजे से कर्मचारी-अधिकारी कार्यालयों में संपर्क कर अन्य कर्मचारियों को प्रेरित करते रहे। इस दौरान सभी पदाधिकारियों ने शासन द्वारा मांगों को लेकर आगामी समय में अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने की बात भी कही।
महासमुंद नगर पालिका के कर्मचारियों ने भी कलम रख मशाल उठा आंदोलन में हिस्सा लिया और पालिका परिसर के सामने ही धरना में बैठे रहे। प्रदर्शन का समर्थन भाजपा पार्षद व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने भी किया और वे कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठे। इस दौरान सफाई, लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग और जन्म मृत्यु पंजीयन विभाग का काम प्रभावित रहा। वहीं पेयजल और बिजली जैसे आवश्यक मूलभूत सुविधाएं सूचारू रूप से जारी रहीं।
फेडरेशन की संयोजक एस चंद्रसेन ने बताया कि यह प्रदर्शन सभी ब्लॉक मुख्यालय में किया गया। प्रदर्शन में अनुमानित 25 से 30 हजार अधिकारी कर्मचारियों ने अवकाश लेकर हड़ताल में हिस्सा लिया।
हमारी मांगों में प्रमुखत: लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण, शिक्षक व स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति निराकरण, प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को जुलाई 2019 का 5 प्रतिशत व जनवरी 2020 का 4 प्रतिशत कुल 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी करने, छग वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरियर्स किश्त का भुगतान, सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति, क्रमोन्नति, तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान करने जैसे मांगे शामिल रहे। इसमें चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी.कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान एसडीएम भागवत जायसवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर ज्ञापन हासिल किया।
इस प्रदर्शन का समर्थन शिक्षकों के विभिन्न संगठनों ने भी किया था। इसकी वजह से कल शुक्रवार को जिले के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। कई स्कूलों में तो स्टूडेंट्स को जल्दी छुट्टी भी हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश शिक्षकों ने अवकाश के लिए आवेदन किया था।
इसी तरह हमेशा चहल पहल रहने वाले तहसील कार्यालय में कल शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा।