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राज्यसभा में गतिरोध जारी : विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पाई कार्रवाई
28-Jul-2025 8:29 PM
राज्यसभा में गतिरोध जारी : विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पाई कार्रवाई

नयी दिल्ली, 28 जुलाई। बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में पिछले सप्ताह से जारी गतिरोध सोमवार को बरकरार रहा और बैठक को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर दो मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। गत सप्ताह 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में कोई कामकाज सामान्य ढंग से नहीं हो पाया है।

इससे पहले, अपराह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक के दो सदस्यों एन धनपाल तथा आई एस इनबादुरै को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। धनपाल तथा इनबादुरै ने तमिल में शपथ ली।

इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा के लिए 26 नोटिस मिले हैं।

उन्होंने बताया कि ये नोटिस एसआईआर, बंगाली प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों का विलय कर सूचना का अधिकार अधिनियम का कथित उल्लंघन और छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के मुद्दों को लेकर हैं।

हरिवंश ने कहा कि ये सभी नोटिस पूर्व में आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के आलोक में समुचित नहीं पाए गए, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया।

अपने नोटिस खारिज किए जाने पर विरोध जताते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ गए। उप सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर लौट जाने के लिए कहा।

उन्होंने शून्यकाल के तहत नाम निर्देशित सदस्य सुधा मूर्ति से अपना मुद्दा उठाने को कहा। सुधा मूर्ति ने आंगनवाड़ी से संबंधित मुद्दा उठाने का प्रयास किया। इस बीच हंगामा तेज हो गया। हरिवंश से सदस्यों से कहा कि आंगनवाड़ी का मुद्दा महत्वपूर्ण है और सदस्यों को हंगामा नहीं करना चाहिए।

उन्होंने शोर कर रहे सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर बारह बजे बैठक के पुन: शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया।

इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर, बांग्ला प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित भेदभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा किए जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

तिवाड़ी ने सदस्यों से कहा ‘‘यह प्रश्नकाल है, प्रश्नकाल चलने दें और सदस्य प्रश्न पूछें।’’ उन्होंने कांग्रेस के मुकुल वासनिक से प्रश्न पूछने को कहा, जिनका प्रश्न नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित था।

नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू जवाब देने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया। तिवाड़ी ने वासनिक से पूरक प्रश्न पूछने को कहा। वासनिक ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है।

पीठासीन अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने बारह बज कर तीन मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।

दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने समुद्र द्वारा मालवहन विधेयक, 2025 पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल का नाम पुकारा। इस विधेयक को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पिछले सप्ताह चर्चा एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में रखा था।

पटेल चर्चा में भाग लेने के लिए अपनी बात शुरू कर पाते, इसी बीच विपक्ष के कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण कालिता ने शुरू होने के दो मिनट के भीतर ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

संसद के मानसून सत्र की शुरूआत 21 जुलाई को हुई और तब से ही सदस्य बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। उनके हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पिछले सप्ताह लगातार बाधित रही और सदन में एक बार भी शून्यकाल, प्रश्नकाल एवं अन्य विधायी कामकाज सामान्य ढंग से नहीं हो पाया। (भाषा)


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