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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पहलगाम हमले का जिक्र किया है.
पर्वतनेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, "सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अच्छे पड़ोसी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करने वाले देशों को इसकी गंभीर क़ीमत चुकानी होगी."
उन्होंने बताया, "हमने पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंपों को निशाना बनाया."
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.
पर्वतनेनी हरीश ने कहा, "भारतीय उपमहाद्वीप में एक ओर भारत का परिपक्व लोकतंत्र, उभरती अर्थव्यवस्था और समावेशी समाज है. दूसरी ओर कट्टरता और आतंकवाद में डूबा पाकिस्तान है, जो आईएमएफ के कर्ज पर चल रहा है."
"हम जब अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं तो यह समझना ज़रूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांतों का सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए. इनमें से एक बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है."
"परिषद के सदस्य (पाकिस्तान) के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे कार्यों में लिप्त होकर उपदेश दे, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य हैं."
दरअसल, पाकिस्तान फ़िलहाल दो सालों के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है. (bbc.com/hindi)