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महिला आयोग को संदेह, युवती को समलैंगिक बता तस्करी हो रही, होगी पुलिसिया जांच
23-Jul-2025 8:03 PM
 महिला आयोग को संदेह, युवती को समलैंगिक बता तस्करी  हो रही, होगी पुलिसिया जांच

महिला आयोग ने दिया आदेश 

रायपुर, 23 जुलाई। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती ओजस्वी मंडावी एवं दीपिका शोरी ने आज  राज्य  कार्यालय में सुनवाई की। 

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों ने उसकी 22 वर्ष की पुत्री को अवैध रूप से अपने घर में  रखा है। अनावेदकों ने यह बात फैलायी है कि उसकी बेटी समलैंगिक है और आवेदिका को अपनी बेटी से मिलने से भी रोक लगा रखा है। आवेदिका की शिकायत गंभीर प्रकृति की है। आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों के घर में 6-7 महीने में जवान लड़कियां आती है फिर कहा जाती है इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है।

आयोग ने कहा कि आवेदिका की शिकायत को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा प्रतीत होता है। ऐसी स्थिति में अनावेदकों की पुलिस द्वारा जांच कराया जाना आवश्यक है। आवेदिका की पुत्री को सखी प्रशासिका रायपुर के सुपूर्द कर निर्देश दिया गया कि वह आवेदिका की पुत्री का मेडिकल प्रशिक्षण करावाकर रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करेंगे।  साथ ही आवेदिका की पुत्री को सुरक्षा की दृष्टि से नारी निकेतन रखा जायेगा क्योकि वह अपनी मां के साथ घर जाने को तैयार नहीं है जवान लडकी को असुरक्षित नहीं छोडा जा सकता है। आवेदिका स्वयं भी सुरक्षा की दृष्टि से अपनी बेटी को नारी निकेतन में रखवाना चाहती है। आयोग ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर साइबर थाने से इसकी जांच करवायी जायेगी ताकि स्पष्ट हो सके कि अनावेदक क्या वास्तव में जवान लडकियों को आश्रय देकर अवैध कारोबार तो नहीं कर रहे है। इसकी जांच पुलिस के माध्यम से करायी जायेगी।

ससुर, विधवा बहू और बच्चों के भरण-पोषण के लिए 10 किलो चांदी व 1 दुकान की व्यवस्था करेगा।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति की मृत्यु आगजनी में हुई थी। जिसके बाद वह अपने 02 बच्चों के पालन-पोषण  के लिये संघर्षरत् है। आयोग की समझाईश पर ससुराल पक्ष सुलहनामे के लिए तैयार है। ससुराल पक्ष आवेदिका को उसके जीवन यापन और रोजगार के लिये उसके पति का सामान और राशि आदि देने के लिये तैयार है। आयोग की समझाईश पर  आवेदिका को 10 किलो चांदी एवं 1 दुकान की व्यवस्था करेगा। जिससे आवेदिका अपनी ईच्छा से व्यापार कर सकेगी। इस प्रकरण को निगरानी व दोनो पक्षों की सहमति पर प्रकरण समाप्ता किया जाएगा।


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