ताजा खबर

सरगुजा जिला भाजपाध्यक्ष समेत 7 पर एफआईआर
23-Jul-2025 6:52 PM
सरगुजा जिला भाजपाध्यक्ष समेत 7 पर एफआईआर

करोड़ों की जमीन लेन-देन में धोखाधड़ी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
रायपुर, 23 जुलाई।
आखिरकार सरगुजा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर करोड़़ों की जमीन के लेन-देन के मामले पर भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया, और कांग्रेस के जिला महामंत्री राजीव अग्रवाल समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। यह प्रकरण कोतवाली थाना अंबिकापुर में दर्ज हुआ है। 

अंबिकापुर के इस हाईप्रोफाइल प्रकरण को लेकर काफी दबाव भी था। ऐसी चर्चा थी कि शिकायतकर्ता और आरोपी नेताओं के बीच समझौता हो गया है। मगर अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने सिसोदिया, और राजीव अग्रवाल समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। 

बताया गया है कि प्रकरण में 70 वर्षीय चंद्रमणि देवी कुशवाहा और 75 वर्षीय कलावती कुशवाहा ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के अंतर्गत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अदालत में आवेदन दाखिल कर बताया कि वे अनपढ़ और देहाती परिवेश से हैं, और अपने पुश्तैनी जमीन के नामांतरण व बंटवारे के लिए स्थानीय अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह से मदद लेने गई थीं। उन्होंने अधिवक्ता पर पूरा भरोसा जताते हुए अपने कागजात सौंपे, पर आरोप है कि इसी भरोसे का फायदा उठाकर अधिवक्ता ने भू-माफिया साथियों के साथ मिलकर साजिशपूर्वक आवेदकाओं की 2.87 हेक्टेयर जमीन के एक के बाद एक कई अनुबंधपत्र व विक्रयपत्र तैयार करवा दिए।

यह बताया गया कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच अलग-अलग तिथियों पर कई बार जमीन का सौदा हुआ। पहले 1.75 करोड़ में अनुबंध, फिर 1.13 करोड़ में नया अनुबंध और अंतत: बंटवारे के रूप में केवल 40.16 लाख का आंशिक भुगतान किया गया। जमीन आज भी आवेदिकाओं के भाइयों के कब्जे में है। अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों और शिकायतों के आधार पर यह भी कहा गया कि ज़्यादातर भुगतान नकद या अस्पष्ट चेक नंबर से हुआ, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।

 

इस पूरे प्रकरण में अभियुक्त क्रमांक-1 दिनेश कुमार सिंह अधिवक्ता हैं, जबकि शेष अभियुक्तों में रविकांत सिंह, भाजपा नेता भारत सिंह सिसोदिया, नीरज प्रकाश पांडेय, राजेश सिंह, निलेश सिंह और कांग्रेस नेता राजीव अग्रवाल शामिल हैं। आवेदिकाओं का आरोप है कि ये सभी अभियुक्त राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं और जमीनों की खरीद-बिक्री कर प्लॉटिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाते हैं।

प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि शिकायतों के बावजूद पुलिस द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी अंबिकापुर को निर्देशित किया था कि शिकायत में वर्णित सभी तथ्यों की जांच कर, उपयुक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।


अन्य पोस्ट