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बिना तलाक दूसरी शादी, कार्रवाई के लिए डीईओ को पत्र
रायपुर, 23 जुलाई। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती ओजस्वी मंडावी एवं दीपिका शोरी ने आज राज्य कार्यालय में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।
अन्य एक प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत दर्ज करवायी है कि उसका पति बलौदा बाजार में शासकीय शिक्षक के पद पर कार्यरत् है और आये दिन शराब पीकर मारपीट करता है व चरित्रहनन करता है। उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया है और 72 हजार वेतन के बाद भी कोई भरण-पोषण नहीं देता है। आयोग की समझाईश पर अनावेदक आवेदिका को प्रतिमाह 15 हजार रू. भरण-पोषण देने तैयार हुआ। दोनो पक्ष सुलहनामे के लिए तैयार हुए। प्रकरण की निगरानी आयोग के काउंसलर द्वारा की जाएगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है। आवेदिका से (पति) की तीन बेटियां है। अनावेदक के दूसरे विवाह से भी उसके दो बच्चे एक पुत्र व एक पुत्री है। वर्तमान में पति पूर्व माध्यमिक शाला, उसलापुर में शिक्षक एल.बी. के पद पर कार्यरत् है। उसे 50 हजार रू. मासिक वेतन प्राप्त होता है।आयोग के समक्ष पति से पूछे जाने पर उसने साफ इंकार कर दिया और अपने दूसरी पत्नी के बच्चों को भी पहचानने से इंकार कर दिया, लेकिन दूसरी महिला के बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में पति का नाम दर्ज होने से यह स्पष्ट हो गया कि अनावेदक झूठ बोल रहा है और दूसरी महिला व संतान होने की बात को छिपा रहा है। अनावेदक (पति) शिक्षक होने के बावजूद आवेदिका से तलाक लिये बगैर 2019 से दूसरा विवाह कर रखा है। आयोग के पूछे जाने पर कि अनावेदक के सर्विस रिकॉर्ड में आवेदिका और बच्चों का नाम है या नहीं?" अनावेदक का कथन है कि नहीं मालूम मेरे सर्विस रिकॉर्ड में किसका नाम दर्ज है।" चूंकि अनावेदक सभी बातों से स्पष्ट इंकार कर रहा है, इस हेतु जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कलेक्टर मुंगेली को पत्र प्रेषित कर अनावेदक के सर्विस बुक की प्रमाणित प्रतिलिपि मंगाया जायेगा। पुलिस अधीक्षक को दूसरी महिला को आगामी सुनवाई में आवश्यक रूप से उपस्थित कराये जाने का पत्र भेजा जावेगा जिससे प्रकरण का निराकरण किया जा सके व आवेदिका को अपने व अपने बच्चों के पालन-पोषण में कोई समस्या ना हो।