कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 26 जून। आपातकाल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी द्वारा 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाया गया। इस संबंध में एक प्रेस वार्ता अटल सदन भाजपा कार्यालय में आयोजित हुई, जहां अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कश्यप, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गोपाल दीक्षित, ओम प्रकाश टावरी, जितेंद्र सुराना, नगर पालिका अध्यक्ष हेम कुंवर पटेल ने कांग्रेस को जमकर कोसा।
इस दौरान पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया गया था। इसके तहत लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन और देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए गए थे। इस दिन को देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है। लाखों देशवासियों को जेल के सलाखों की पीछे डाला गया था। लोकतंत्र की आवाज को दबाया गया था।
जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अदूरदर्शिता और हठ का परिणाम जनता ने आपातकाल के रूप में भोगा है। सिर्फ एक ही परिवार को फायदा पहुंचाने और सत्ता पर काबिज रहने के लिए बिना मंत्रिमंडल के सलाह मशविरा के रातों रात आपातकाल की घोषणा की गई। छत्तीसगढ़ प्रदेश की अभी की कांग्रेस सरकार का उदाहरण तो सबसे अनूठा है, जहंा एक अघोषित सा आपातकाल महसूस किया जा सकता है। यहां किसी ट्वीट को रीट्वीट तक करना बड़ा अपराध बना दिया जाता है। यहां शासन के संसाधन और समय का पूरा उपयोग विपक्ष की आवाज को कुचलने और पुलिसिया डर दिखाने में और मुकदमे दर्ज करने में लगा दिया जाता है। कांगे्रस अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करने पर आमादा है। इस दौरान दयाराम पटेल, रौनक दीवान, जसकेतू उसेंडी, जैनेंद्र सिंह ठाकुर, प्रशांत पात्र, कुलवंत सिंह, विक्की रवानी, विश्वजीत व अन्य मौजूद रहे।