कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 जून। जिले में जनजातीय संस्कृति व सभ्यता को संरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 27 जनवरी को कोंगेरा में आयोजित आम सभा में जिले के समस्त जनजातिय ग्रामों में घोटुल गुड़ी के निर्माण की घोषणा की थी, जिसके तहत् जिले में घोटुल गुड़ी का निर्माण किया जा रहा है। इसी क्रम में 11 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मतलाम द्वारा केशकाल विकासखण्ड के ग्राम ऊंदरी नारना में 3 लाख के लागत से बनने वाले घोटुल गुड़ी का भूमिपूजन किया गया।
इस अवसर पर देवचंद मतलाम ने कहा कि आदिवासी समाज संस्कृति व सभ्यता अपने आप में अनोखी है। पूरे विश्व में बस्तर संभाग अपने आदिवासी समाज की सभ्यता की विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। हमारी आने वाली पीढिय़ां अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस कर सके, इसके लिए हमें अपने संस्कृति से उन्हें जोड़े रखने की आवश्यकता है। घोटुल गुड़ी हमारे संस्कृति का अभिन्न अंग होने के साथ सभ्यता का प्रतिक भी रहा हैं, इसे राज्य शासन द्वारा पुन: हर ग्रामों में स्थापित किया जा रहा है। गांवों में लगातार धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे रोकने के लिए हमारी संस्कृति के वैभव से लोगों को परिचित करना आवश्यक है, ताकि हमारे समाज में एकता कायम रहे।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि राजेश नेताम ने भी बताया, कि समाज की सभ्यता को बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए घोटुल गुड़ी बनने से प्रत्येक ग्रामों के गायता, पूजारी द्वारा अपने संस्कृति को संरक्षित कर अपने समाज को इससे अवगत कराएंगे, जो भविष्य में भी आने वाले पीढिय़ों को जानकारी उपलब्ध होगा। इस अवसर पर जनपद सदस्य निरा धु्रव सहित सरपंच, पंच गण व ग्राम के गायता पुजारी व ग्रामीण उपस्थित रहे।