कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव 10 जून। अन्य राज्य से लौटे मजदूरों द्वारा अधिक मजदूरी का लालच देकर शोषण करने की लिखित में आवेदन देकर शिकायत करने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 जून को पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव, थाना प्रभारी अनुसूचित जाति-जन जाति थाना कोण्डगाांव व थाना प्रभारी पुलिस थाना उरन्दाबेड़ा जिला कोण्डागांव को अन्य राज्य से लौटे मजदूरों द्वारा अधिक मजदूरी का लालच देकर शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से शोषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर लिखित में आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
आवेदन में मैनुराम सहित अन्य मजदूरों द्वारा उल्लेख किया गया है कि सुनील कुमार दुग्गा, रमेश कुमार मण्डावी, शामलाल दुग्गा, सनारू दुग्गा, रजनु, सुखासिंग दुग्गा, मनीरा कौड़ो भोंगापाल झाकरी के निवासी हैं। दिसम्बर 2018 में ग्राम उरन्दाबेड़ा निवासी गोलू कौड़ो भोंगापाल आया और कहा कि बोरगाड़ी में काम करने कोटा राजस्थान चलो, प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 9000 रूपये मजदूरी मिलेगा, तब मैं और मेरे अन्य साथी अच्छी मजदूरी मिलने की आस में गोलू के साथ कोटा राजस्थान जाने को तैयार हुए। गोलू हम लोगों को भोंगापाल व झाकरी से कोमलपुर तह. व जिला कांकेर निवासी सलित कौड़ो के पास छोडक़र वापस गांव आ गया। सलित कौड़ो हम लोगों को अपने ही गांव के विरेन्द्र नामक व्यक्ति के साथ कोटा भेज दिया। विरेन्द्र हम लोगों को कोटा राजस्थान में वेल्लु सेठ के पास छोड़ दिया। जहां वेल्लु सेठ हम लोगों को रघुनन्दन नामक व्यक्ति के साथ बोरगाड़ी में काम पर लगाने के साथ ही बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को 9000 रूपये प्रति माह मिलेगा। विरेन्द्र हम लोगों को वेल्लु सेठ के पास छोडक़र वापस कांकेर आ गया। हम लोग वेल्लु सेठ व रघुनन्दन के साथ 22 माह बोरगाड़ी में काम किये, इस दौरान वेल्लु सेठ हमारे रहने, खाने-पीने व अन्य दैनिक उपयोग की सामाग्रियों की भी व्यवस्था नहीं करता था। रात-दिन हम लोगों से काम करवाता था, जिससे हम लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। मजदूरी का पैसा मांगने पर नहीं देता था और कहता था कि पैसा जाते समय दूंगा।
इसी दौरान कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया, इस दौरान भी वेल्लु सेठ द्वारा हमारे रहने खाने की व्यवस्था नहीं किया गया, तब हम लोग उसके साथी रघुनन्दन के पास आकर रहने लगे, जब स्थिति सामान्य हुई, तब हम लोग वेल्लु सेठ से अपने मजदूरी की मांग किये, तब उसने स्पष्ट मना कर दिया, तब हम लोग 2020 में रक्षाबंधन त्यौहार के समय घर वापस आने लगे, तो रघुनन्दन ने हम लोगों के लिये गाड़ी की व्यवस्था कर दिया व प्रत्येक व्यक्ति को 7-7 हजार रूपये दिया, तब हम लोग किसी तरह घर वापस आ सके।
गोलू कौड़ो, सलित, विरेन्द्र व वेल्लु सेठ हम लोगों को बस्तर का आदिवासी मजदूर जानकर अधिक मजदूरी देने का लालच देकर हम लोगों का शारीरिक, आर्थिक व मानसिक शोषण किया है, इसलिए उक्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।