कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 10 फरवरी। शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोण्डागांव में 10 फरवरी को प्रतिवर्ष की भांति भूमकाल दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में स्थित गुंडाधुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। महाविद्यालयीन छात्र गुंडाधुर की वेशभूषा में उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा बाइक रैली निकालकर वीर गुण्डाधुर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. किरण नुरुटी ने भूमकाल दिवस के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, अमर शहीद वीर गुण्डाधुर भूमकाल विद्रोह के नायक और प्रणेता रहे हैं। फरवरी 1910 को संपूर्ण बस्तर क्षेत्र में अंग्रेजों के हुकूमत के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत हुई थी। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे महाविद्यालय का नामकरण अमर शहीद वीर गुण्डाधुर के नाम पर किया गया है।
महाविद्यालय के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक पुरोहित सोरी ने कहा कि, भूमकाल का अर्थ भूमि से जुड़े लोगों का आंदोलन है। बस्तर के आदिवासियों ने अपने जल, जंगल और जमीन को अंग्रेजों से बचाने के लिए और शोषण के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत की थी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक शशिभूषण कन्नौजे, शोभाराम यादव, रूपा सोरी, डॉ. देवाशीष हालदार, नसीर अहमद, डॉ. आशीष कुमार आसटकर, विनय कुमार देवांगन, चित्रकिरण पटेल, बीएल मरकाम, हनी चोपड़ा, रवि सूर्यवंशी सहित समस्त महाविद्यालयीन कर्मचारीगण उपस्थित रहे।


