कोण्डागांव

डॉ. चिन्मय पाण्डे पहुंचे कोण्डागांव, कहा युग संधिकाल का समय आ चुका
01-Feb-2021 7:21 PM
डॉ. चिन्मय पाण्डे पहुंचे कोण्डागांव, कहा युग संधिकाल का समय आ चुका

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 1 फरवरी। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार उत्तराखंड के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पांडे का दंडकारण्य परियोजना कार्यालय चिखलपुटी में 31 जनवरी को प्रथम आगमन हुआ। उनके आगमन पर अखिल भारतीय गायत्री परिवार के माध्यम से स्वागत, हवन और प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोण्डागांव के चिखलपुटी में आयोजित डॉ चिन्मय पंड्या के प्रथम आगमन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि, वर्ष 2020 युग संधि काल का दौर है। इस संधिकाल को हमें अच्छे विचारों से बदलना है।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार उत्तराखंड स्थापना का 50वां वर्ष मनाया जा रहा हैं। इस 50वें वर्षगांठ उपलक्ष्य में हर द्वार हरिद्वार कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम के तहत देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार उत्तराखंड के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पांडे बस्तर भ्रमण पर हैं। अपने बस्तर भ्रमण के दौरान कोण्डागांव के चिखलपुटी पहुंचने से पहले वे कोण्डागांव जिला के पवड़ा, बड़ेडोंगर, फरसगांव, आरंडी, कोरगांव, बासकोट, गुहाबोरण्ड, रंधना, माकड़ी, शामपुर, भोगड़ी, कोण्डागांव के गायत्री शक्ति पीठ गायत्री माता मंदिर पहुंचे। इन सभी भ्रमण क्षेत्रों में डॉ चिन्मय पांडे के साथ ओम प्रकाश राठौड़, हरीश नेताम, रामावतार, पुष्कर, दिलीप पाणिग्राही, सुखदेव निर्मलकर, एसपी विश्वकर्मा, बलसिंह नेताम, महाप्राण मरकाम, हरिशंकर नेताम मुख्य रूप से मौजूद रहे।

कोण्डागांव के चिखलपुटी में पहुंच कर देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पांडे ने सबसे पहले दंडकारण्य परियोजना कार्यालय के लिए भूमिदान करने वाले स्व देहारी की समाधि पर पुष्प अर्पित किया। इसके बाद चिखलपुटी के आश्रम कुटिया में आयोजित हवन में शामिल होकर उन्होंने पुर्णाहुति दी। इस अवसर पर प्रवचन दिया। प्रवचन के दौरान उन्होंने भागवत गीता का उदाहरण श्रद्धालुओं के समक्ष रखा।

 कार्यक्रम समापन के दौरान डॉ चिन्मय पांडे ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार का छायाचित्र और गंगा जल दिया गया, तो वहीं डॉ पांडे को कोण्डागांव के कलाकारों के हाथों बनी प्रतीक चिन्ह भेट की गई।


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