कोण्डागांव

करंट से मासूम की मौत, पीएम के लिए पूरी रात अस्पताल में डॉक्टरों का इंतजार
12-Sep-2025 10:51 PM
करंट से मासूम की मौत, पीएम के लिए पूरी रात अस्पताल में डॉक्टरों का इंतजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 12 सितंबर। जिले के मर्दापाल क्षेत्र अंतर्गत पदेली गांव में गुरुवार को करंट लगने से ढाई साल की मासूम माहेश्वरी यादव की मौत हो गई। लेकिन इस हादसे के बाद भी परिवार की पीड़ा यहीं खत्म नहीं हुई। शव परीक्षण के लिए मासूम का शव लेकर परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मर्दापाल पहुंचे, जहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें पूरी रात शव के साथ अस्पताल के बरामदे में बैठकर इंतजार करना पड़ा।

मृतक बच्ची के पिता अंतुरराम यादव ने बताया कि रोज की तरह उनकी बेटी आंगनबाड़ी गई थी। वहां न तो कार्यकर्ता मौजूद थीं और न ही अन्य बच्चे। कुछ देर बाद बेटे ने आकर बताया कि बहन को लोहे के चैनल गेट में करंट लग गया है। परिवारजन जब पहुंचे, तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी।

परिजनों ने आरोप लगाया कि वे दोपहर 3 बजे अस्पताल पहुंच गए थे, लेकिन शाम तक कोई डॉक्टर पोस्टमार्टम करने नहीं आया। मजबूर होकर पिता, चाचा और बडक़ी मां सहित अन्य रिश्तेदार शव को बीच में रखकर अस्पताल के प्रथम तल पर पूरी रात बैठकर सुबह का इंतजार करते रहे।

पिता और चाचा ने भावुक होकर कहा कि, अगर दोपहर में ही पोस्टमार्टम हो जाता तो हम शाम को अंतिम संस्कार कर लेते, लेकिन हमें पूरी रात शव के साथ बैठना पड़ा। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि अमानवीय व्यवहार है।

इधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर का कहना है कि उन्हें थाना से सूचना मिली थी कि शव शाम 5 बजे तक पहुंचेगा, लेकिन इसके बाद क्या स्थिति रही, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

 इस घटना को लेकर ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि एक ओर मासूम की करंट से मौत हुई, दूसरी ओर शव परीक्षण के लिए परिजनों को पूरी रात इंतजार करना पड़ा। यह दोहरी पीड़ा किसी भी परिवार के लिए असहनीय है। ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

शव परीक्षण में देरी को लेकर कोण्डागांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके चतुर्वेदी ने कहा कि, मर्दापाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वीपर का पद रिक्त है। ऐसे में स्वीपर की व्यवस्था जिला मुख्यालय कोण्डागांव से की गई थी। स्वीपर के पहुंचने तक मर्दापाल में तेज बारिश हो रही थी और प्रोटोकॉल नियम अनुसार शाम 5 बजे के बाद शव का परीक्षण गुरुवार को नहीं किया गया, शुक्रवार की सुबह ही शव का परीक्षण कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

वहीं इस पूरे मामले पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अवनी कुमार विश्वाल ने कहा कि, घटना काफी दुखद है। इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घसनी बाई और सहायिका ममता कोर्राम को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं मर्दापाल क्षेत्र की आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक मनीषा कतलाम को निलंबित कर दिया गया है। मनीषा कतलाम का निलंबन अवधि के दौरान जिला कार्यालय कोण्डागांव मुख्यालय नियुक्त किया गया है।——


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