कोण्डागांव

जिला अस्पताल में लैप्रोस्कोपिक पद्धति से किडनी का ऑपरेशन
12-Sep-2025 10:44 PM
 जिला अस्पताल में लैप्रोस्कोपिक पद्धति से किडनी का ऑपरेशन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 12 सितंबर। कोण्डागांव जिला अस्पताल ने नया इतिहास रचते हुए पहली बार लेप्रोस्कोपिक पद्धति से किडनी का सफल ऑपरेशन किया है। यह उपलब्धि न केवल चिकित्सीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक तंगी झेल रही एक महिला के जीवन के लिए वरदान साबित हुई।

 कोण्डागांव के बाजारपारा की सावित्री कोर्राम (35) के पति स्व. दिनेश कोर्राम का निधन कुछ वर्ष पूर्व हो गया था। इसके बाद सावित्री ने लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा और बर्तन साफ करने का काम कर किसी तरह अपने दो बेटियों और दो बेटों का पालन-पोषण शुरू किया। लेकिन तकलीफें यहीं खत्म नहीं हुईं। लगभग दो साल पहले उन्हें गंभीर किडनी रोग की पहचान हुई।

लगातार लघुशंका की परेशानी के चलते सावित्री ने मेहनत की कमाई से विशाखापत्तनम में जांच करवाई, जिसमें किडनी में सूजन की पुष्टि हुई और तत्काल इलाज जरूरी बताया गया। आर्थिक अभाव के चलते वह वापस लौट आईं। बाद में उन्होंने रायपुर एम्स का रुख किया, पर वहां लंबी वेटिंग और इलाज के दौरान ठहरने की समस्या उनके लिए असंभव साबित हुई। अंतत: उन्होंने जिला अस्पताल कोण्डागांव से संपर्क किया।

जिला अस्पताल के डॉ. एस. नगुलन व टीम ने जांच कर बताया कि उनकी एक किडनी पूरी तरह खराब हो चुकी है और उसे निकालना ही एकमात्र विकल्प है। सामान्य ऑपरेशन में बड़े चीरे और संक्रमण का खतरा अधिक होता, विशेषकर मजदूर तबके की सावित्री जैसी महिला के लिए। इस स्थिति को देखते हुए डॉ. नगुलन ने लेप्रोस्कोपिक पद्धति से ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। इस तकनीक में शरीर में छोटे-छोटे छेद कर दूरबीन की सहायता से किडनी निकाली जाती है।

 4 सितंबर को जिला अस्पताल में यह ऑपरेशन किया गया और यह पूर्णत: सफल रहा। सावित्री अब तेजी से स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले इलाज के लिए आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव के कारण जीवन समाप्त होता हुआ नजर आ रहा था, लेकिन जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के जरिए उनका नि:शुल्क उपचार हुआ, जिससे उन्हें नया जीवन मिला।

इस ऐतिहासिक ऑपरेशन में डॉ शैलेश कुमार, डॉ अनिल देवांगन, डॉक्टर कृष्णा मरकाम, ओटी हेड नर्स स्वप्नप्रिया, स्टाफ नर्स पुष्पलता कुंवर, स्टाफ नर्स हेमंत मंडावी, स्टाफ नर्स संजना जैन, स्टाफ नर्स रामेश्वरी, स्टाफ नर्स अर्चना, स्टाफ नर्स साधना, स्टाफ नर्स रीना, और अन्य स्टाफ की अहम भूमिका रही।


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