कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 जून। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मर्दापाल के नेतृत्व में गुरुवार को मर्दापाल में एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए चार प्रमुख मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की और राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि बस्तर अंचल में तेंदूपत्ता आदिवासियों के जीवन का महत्वपूर्ण सहारा है, जिसे हरा सोना कहा जाता है, लेकिन इस बार इसकी खरीदी के लिए केवल एक दिन का समय निर्धारित कर दिया गया है। यह निर्णय सरासर अनुचित है और इससे हजारों ग्रामीणों को नुकसान होगा। विडंबना यह है कि प्रदेश के वन मंत्री स्वयं इसी क्षेत्र के विधायक हैं, बावजूद इसके इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया।
प्रदर्शन में यह भी कहा गया कि वर्तमान समय में किसानों को लेम्पसों में ना तो पर्याप्त मात्रा में और ना ही समय पर खाद मिल पा रही है। इससे खेती-किसानी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा क्षेत्र में लगातार बिजली कटौती की जा रही है, जिससे न केवल किसान बल्कि अन्य बिजली आधारित कार्य भी बाधित हो रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युक्तियुक्तकरण नीति के तहत राज्यभर में 10,463 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। इसमें बस्तर संभाग के 1,163 और कोण्डागांव जिले के 397 स्कूल शामिल हैं। यह कदम न केवल ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा, बल्कि शिक्षकों के स्थानांतरण से स्कूलों में गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। साथ ही इससे रसोइया, सफाईकर्मी और स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं का रोजगार भी संकट में आ जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह युवाओं को रोजगार देने के बजाय नशे की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य में 67 नई शराब दुकानों की अनुमति दी गई है, जिससे युवा वर्ग नशे की चपेट में आ रहा है। प्रदेश में रोजगार के अवसरों की भारी कमी है और पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारी के कारण हताश हो चुके हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति को भी अव्यवहारिक बताते हुए इसे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। धरना प्रदर्शन के पश्चात कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा और चेतावनी दी कि यदि आगामी सात दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो कांग्रेस पार्टी आगामी 19 जून को सहायक आयुक्त कार्यालय का घेराव करने को बाध्य होगी।