कोण्डागांव

स्कूल में छात्रा को लगी चोट, 2 माह से अनुपस्थित
24-Dec-2023 8:51 PM
स्कूल में छात्रा को लगी चोट, 2 माह से अनुपस्थित

नियमानुसार होगी कार्रवाई-डीईओ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंडागांव, 24 दिसंबर। कोण्डागांव के केरावही स्कूल से एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां कक्षा 10वीं में पढऩे वाली छात्रा 18 अक्टूबर से अनुपस्थित हैं, क्योंकि उसे सहपाठी छात्रा के द्वारा स्कूल परिसर में ही धक्का दिए जाने के बाद से वह बीमार थी।

इस बारे में जब प्रभारी प्राचार्य से जानकारी ली गई तो उन्होंने जानकारी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद आनन फानन में मीडिया में मामला आने से उसका उपचार करवाने की बात कह रहे हैं। 

जानकारी हो कि, कुछ दिनों पूर्व केरावही के ही एक स्कूल में गर्म तेल से छात्राओं का हाथ जलने का मामला प्रकाश में आया था।

इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने कहा कि, मामला संज्ञान में आया है। मामले की जान की जा रही है। सस्था का लापरवाही जांच रिपोर्ट में पाए जाने से नियम अनुसार करवाई की जाएगी। वहीं डीईओ ने, बच्ची का उपचार और शिक्षा में अनुपस्थित का हरजाना भी पूरा किए जाने का आश्वासन दिया है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 10वीं की छात्रा कामिनी मरकाम को उसकी ही सहपाठी छात्रा के द्वारा स्कूल परिसर में धक्का मार के गिराया गया, जिससे वह घायल हो गई। इस घटना के बाद से अस्वस्थ होकर कामिनी 18 अक्टूबर से स्कूल में अनुपस्थित है। इस मामले में जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने घटना की जानकारी मीडिया को दी तो प्रभारी प्राचार्य गौरी मरकाम व शाला प्रबंध समिति के द्वारा उसे तत्काल कोण्डागांव के निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। उपचार के बाद कामिनी 23 दिसंबर को स्कूल में दोबारा शिक्षा अध्ययन के लिए पहुंच पाई है।

प्रभारी प्राचार्य गौरी मरकाम ने बताया कि, उन्हें घटना के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है। जबकि पूरी घटना विद्यालय परिसर में ही घटित हुई है। प्राचार्य के अनुसार उन्हें 12 दिसंबर को घटना की जानकारी मिली। लेकिन उनके द्वारा 22 दिसंबर को जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रतिवेदन मंगवाए जाने पर जानकारी दी गई है। 

घटना की जानकारी लगते ही भारतीय जनता पार्टी से विकास दुआ, पूर्व सरपंच भागवत मरकाम, बलिराम नेताम, पुराण भारद्वाज, केसर यादव स्कूल में कामिनी मरकाम से मिलने पहुंचे थे, ताकि घटना की वास्तविक जानकारी सामने आ सके। लेकिन प्राचार्य ने पीडि़त छात्रा को जनप्रतिनिधियों को मिलने से रोक दिया। इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध एफआईआर करवाने की भी धमकी प्राचार्य के द्वारा दे दी गई।


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