कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 29 अक्टूबर। शनिवार को उत्तरा कुमार कश्यप जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार तथा अम्बा शाह व्यवहार न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के कुशल नेतृत्व में सुरेन्द्र भट्ट प्रतिधारक अधिवक्ता प्रबंध कार्यालय कोण्डागांव द्वारा एक टीम गठित कर ग्राम पंचायत पल्ली जिला कोण्डागांव में विधिक जागरूकता लाने के उद्देश्य से विधिक साक्षरता शिविर आयोजन कर उपस्थित महिलाओं को कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ के संबंध में बताते हुए अगर किसी महिला के साथ उसके घर में या किसी भी कार्यस्थल पर शारीरिक या मानसिक उत्पीडऩ किया जाता है, तो उत्पीडऩ करने वाले आरोपी के खिलाफ महिला शिकायत दर्ज कर सकती है।
यौन उत्पीडऩ अधिनियम के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाली शारीरिक उत्पीडऩ या यौन उत्पीडऩ से सुरक्षा मिलती है। तथा महिलओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बताते हुए महिलाओं को अपने पति से भरण-पोषण/गुजारा भत्ता पाने की हकदार होती है, जब तक वह दूसरी शादी नहीं करती है। गुजारा भत्ता में जीने की जरूरी आवश्यकताएं सुविधाओं के संबंध में जानकारी दिया गया।
घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार 2005 में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाये गये इस अधिनियम के आधार पर हर महिला घरेलु हिंसा के खिलाफ सिकायत करने की हकदार है, घरेलू हिंसा में न केवल शारीरिक शोषण बल्कि मानसिक यौन और आर्थिक शोषण भी शामिल है। तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2016 के तहत जिसकी आयु 60 वर्ष अथवा उससे ज्यादा है इसके अंतर्गत माता-पिता भी आते है, जो स्वंय का आय अर्जित करने में असमर्थ है अथवा स्वामित्वाधीन संपत्ति मे से स्वंय का भरण-पोषण करने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति उक्त अधिनियम के अंतर्गत भरण-पोषण हेतु आवेदन करने हेतु हकदार होते है, इसके अलावा महिला हेल्प लाईन नम्बर 1091 पर संपर्कं कर सकते है।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ओटीपी शेयर न करने, डेबिट कार्ड की जानकारी न देने, सोशल मीडिया पर झांसे में न आने हेतु सलाह दिया गया। तथा मोटर यान अधिनियम व नि:शुल्क अधिवक्ता की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर पी.एल.वी. सुनील मरकाम, हसीना खान, जरीना बानो, पारेश्वर देवांगन, रविन्द्र बघेल, विवेक कश्यप उपस्थित थे।