कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 5 सितंबर। बालासर के एक जरूरतमंद परिवार की जवाबदारी शांति फाउंडेशन ने ली।
गौरतलब है कि ग्राम बालासर में रहने वाला एक परिवार जो गरीबी के कारण न ही परिवार का देखरेख कर पा रहा था और ना ही अपने बच्चों को सही शिक्षा से जोड़ पा रहा था, कारण सिर्फ एक था कि उसी घर की महिला मानसिक बीमारी से ग्रसित थी जिसे सुरक्षित इलाज के लिए शांति फाउंडेशन पुनर्वास केंद्र जब लाया गया तो यह देखा गया कि गांव में जहां प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाएं आज हर जरूरतमंद परिवार को दिया जाना सुनिश्चित है एक छोटे से एक रूम के घर में जीवन बसर कर रहा था।
जब महिला को रेस्क्यू करने शांति फाउंडेशन की टीम ग्राम बालासर पहुंची, तो देखा कि घर के दोनों बच्चों का शरीर तबीयत की वजह से तप रहा था, बच्चों की तबीयत काफी खराब थी। आनन-फानन में शांति फाउंडेशन ने तत्काल निर्णय लिया कि इस परिवार को सहयोग की आवश्यकता है। अस्पताल लाकर दोनों बच्चों का इलाज करवाया गया।
बच्चों के भविष्य को देखते हुए महिला बाल विकास को इसकी जानकारी दी गई ताकि बच्चों का भविष्य मां के मानसिक बीमारी के कारण बर्बाद न हो। यह परिवार में पिता सोमारू कश्यप माता सन्नी कश्यप और तीन बच्चे हैं। सभी बच्चों की पढ़ाई के जवाबदारी भी शांति फाउंडेशन ने ले रखा है और मां के इलाज की जवाबदारी भी संस्था के द्वारा ली गई।
पिता की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के कारण पिता को भी शांति फाउंडेशन ने पुनर्वास केंद्र में ही कार्य करते हुए अपनी पत्नी का देखरेख करते हुए बच्चों का देखरेख करते हुए आगे जीवन यापन करने का सलाह दिया है जिसकी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी दी जा चुकी है।
यतिंद्र छोटु सलाम ने कहा कि जिन्हें कोई अपना नहीं समझता वे हमें अपना समझते हैं क्षेत्र का कोई भी बच्चा परिवार के आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई से दुर ना रहे, ऐसे सभी बच्चों को पढ़ाने की जवाबदारी हम सभी की होनी चाहिये जनता का यह आशीर्वाद ही है जो हमें हर फैसले लेने को ताकत देती है।